महाविकास आघाड़ी की सरकार बनते ही शुरू हो गई थी सत्ता परिवर्तन की तैयारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत का उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली तत्कालीन महाविकास आघाड़ी को गिराने को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। धाराशिव के एक कार्यक्रम में सावंत ने कहा कि साल 2019 में महाविकास आघाड़ी सरकार बनने के बाद ही सत्ता परिवर्तन की गतिविधियां शुरू हो गईं थीं। मैंने बीते दो सालों में ठाकरे सरकार को गिराने के लिए वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ 100 से 150 बैठक की थीं। उससे पहले मैंने साल 2019 में फडणवीस के आदेश पर ही बगावत की शुरुआत की थी। मैं शिवसेना के मराठवाड़ा, विदर्भ और पश्चिम महाराष्ट्र के विधायकों से मिलकर उनका मन परिवर्तन कर रहा था। सावंत ने कहा कि 30 दिसंबर 2019 को ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हुआ था। इसके बाद 3 जनवरी 2020 को मैंने देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर धाराशिव जिला परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में बगावत की थी। बगावत झंडा लहराने वाला मैं शिवसेना का पहला विधायक था। सावंत ने कहा कि मैंने मातोश्री (उद्धव के आवास) में जाकर तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कहा था कि राकांपा और कांग्रेस से गठबंधन करना आत्मघाती कदम हो सकता है। जिसके बाद उद्धव ने राज्य मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में मुझे मंत्री नहीं बनाया था। मैंने उसी दिन तय किया था कि मैं महाविकास आघाड़ी सरकार गिराए बिना दोबारा मातोश्री की सीढ़ी नहीं चढ़ूंगा। मैंने जो तय किया था, वही हुआ। बीते साल जून महीने में महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई।
बागियों के मन में गद्दारी का बीज पहले बोया गया- दानवे
सावंत के इस बयान पर विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि शिवसेना के बागी विधायकों के मन में गद्दारी का बीज बहुत पहले से बोया गया था। शिंदे गुट के विधायकों ने बगावात के लिए उद्धव पर मुलाकात के लिए समय न देने, विकास निधि न मिलने का जो कारण बताया था, वह खोखला साबित हुआ है।
सावंत ने सत्य कहा है- शेलार
दूसरी तरफ मुंबई भाजपा अध्यक्ष शेलार ने मंत्री सावंत के बयान को सही बताया है। शेलार ने कहा कि सावंत ने सच कहा है। शिवसेना के विधायक लगातार उद्धव से मिलकर कांग्रेस और राकांपा को लेकर अपनी नाराजगी जता रहे थे। लेकिन उद्धव शिवसेना विधायकों की बात मानने को तैयार नहीं थे। उद्धव को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी प्रिय थी। जिसके बाद शिवसेना के विधायकों ने मुख्यमंत्री शिंदे का नेतृत्व को स्वीकार किया।
Created On :   28 March 2023 8:36 PM IST