शिक्षा संस्थानों पर दबाव, शिक्षा विभाग का दावा- 100 फीसदी स्कूल हुए रजिस्टर्ड

Pressure on educational institutions, Education Department claims
शिक्षा संस्थानों पर दबाव, शिक्षा विभाग का दावा- 100 फीसदी स्कूल हुए रजिस्टर्ड
आरटीई रजिस्ट्रेशन शिक्षा संस्थानों पर दबाव, शिक्षा विभाग का दावा- 100 फीसदी स्कूल हुए रजिस्टर्ड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिक्षा का अधिकार अंतर्गत निजी शिक्षा संस्थानों में 25 फीसदी सीट पर आरक्षित आर्थिक दुर्बल घटक के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। प्रवेश के लिए स्कूलों पर दबाव बनाकर रजिस्टर्ड किया गया। शिक्षा विभाग ने जिले के सभी स्कूल रजिस्टर्ड होने का दावा किया है। बता दें कि, इंग्लिश मीडियम शिक्षा संस्थानों का संगठन मेस्टा तथा अन्य संगठनों ने पहले आरटीई प्रतिपूर्ति बकाया, फिर रजिस्ट्रेशन की भूमिका ली थी। वही जिला शिक्षाधिकारी को पात्र 100 फीसदी स्कूलों का रजिस्ट्रेशन कराने का दायित्व दिया गया था। रजिस्ट्रेशन नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई निश्चित करने के अधिकार दिए गए थे। शिक्षा संस्थान संगठनों के साथ हुई बैठकें : 23 जनवरी से आरटीई प्रवेश के लिए स्कूलों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई। 3 फरवरी अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। इस दरमियान रजिस्ट्रेशन को स्कूलों का प्रतिसाद नहीं मिला। मात्र 594 स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन किया था। रजिस्ट्रेशन की तिथि 10 फरवरी कर दी गई। इस बीच, शिक्षा संस्थानों के संगठनों के साथ बैठक लेकर दबाव बनाया गया। रजिस्ट्रेशन नहीं करने पर मान्यता रद्द करने की चेतावनी तक देने की सूत्रों ने जानकारी दी। 

सभी स्कूलों ने किया रजिस्ट्रेशन

रोहिणी कुंभार, शिक्षाधिकारी (प्राथमिक), जिला परिषद के मुताबिक जिले में आरटीई प्रवेश के लिए पात्र सभी स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन किया है। 100 फीसदी रजिस्ट्रेशन पूरा कर सरकार को रिपोर्ट भेज दी है।

बकाया भुगतान को लेकर लड़ाई 

कपिल उमाले, मेस्टा संगठन के मुताबिक आरटीई प्रतिपूर्ति बकाया भुगतान को लेकर हमारी लड़ाई है। आरटीई प्रवेश का विरोध नहीं है। शिक्षणाधिकारी ने बकाया भुगतान के लिए सरकार से पत्र-व्यवहार करने पर आश्वस्त किया। विद्यार्थियों का हित ध्यान में रखकर रजिस्ट्रेशन कराने का निर्णय लिया गया।

 

Created On :   12 Feb 2023 5:40 PM IST

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