बेरोजगारों पर आचार संहिता का साइड इफेक्ट, दो महीने से ठप पड़ा प्रधानमंत्री मुद्रा लोन का काम 

Prime Minister mudra loan work stop from two months
बेरोजगारों पर आचार संहिता का साइड इफेक्ट, दो महीने से ठप पड़ा प्रधानमंत्री मुद्रा लोन का काम 
बेरोजगारों पर आचार संहिता का साइड इफेक्ट, दो महीने से ठप पड़ा प्रधानमंत्री मुद्रा लोन का काम 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का काम पिछले दो महीने से लगभग ठप पड़ा है। मार्च महीने से लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी और अप्रैल व मई में कर्ज बांटने का काम लगभग ठप रहा। चुनावी आचार संहिता का असर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना यानी सीधे बेरोजगारों पर पड़ा है।  जिला प्रशासन के पास 31 मार्च 2019 तक बांटे गए कर्ज के आंकडे ही उपलब्ध है। 

2 लाख 59 हजार 320 लोगों को रोजगार के लिए दिया गया 1266 करोड़ का कर्ज 

बेरोजगारों को रोजगार व स्वयंरोजगार के लिए आसान तरीके से कर्ज उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना शुरू की। इस योजना के तहत बेरोजगारों को रोजगार या स्वयंरोजगार शुरू करने के लिए शिशू, किशोर व तरुण ऐसी तीन कैटेगिरी में कर्ज उपलब्ध होता है। शिशू के तहत 50 हजार तक, किशोर के तहत 5 लाख तक व तरुण के तहत 10 लाख तक का कर्ज दिया जाता है। कर्ज राष्ट्रीयकृत बैंकों से मिलता है आैर इसके लिए प्रोजेक्ट के साथ प्रस्ताव बैंक में पेश करना पड़ता है। 31 मार्च 2019 तक जिले में शिशू कर्ज 2 लाख 35 हजार 411 लोगों को 618 करोड़ 48 लाख रुपए बांटा गया है। किशोर कर्ज 17 हजार 788 लोगों को 331 करोड़ 9 लाख बांटा गया है। तरुण कर्ज 6121 लोगों को 326 करोड़ 51 लाख रुपए बांटा गया है। मार्च में जिले में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी आैर इसके बाद कर्ज बांटने की प्रक्रिया बेहद धीमी हुई आैर इसीकारण ताजा आंकडे प्राप्त नहीं होने का जवाब जिला प्रशासन की तरफ से दिया जा रहा है। जिला प्रशासन के जवाब से स्पष्ट होता है कि चुनावी आचार संहिता की मार बेरोजगारांे पर भी पड़ी। 

कैटेगिरी     लोग         कर्ज 

शिशू         235411   618.48 करोड़
किशोर      17788     331.09 करोड़ 
तरुण        6121       326.51 करोड़ 

              259320   1266.08 करोड़   

बैंकों से ताजा आंकडे नहीं मिले 

बैंकों से कर्ज के आंकडे जिला अग्रणी बैंक के पास पहुंचते है। यहां से यह आंकडे जिला नियोजना कार्यालय पहुंचते है। जिला नियोजन कार्यालय ने 31 मार्च तक के आंकडे उपलब्ध कराते हुए स्पष्ट किया कि बैंकों से ताजा आंकडे प्राप्त नहीं हुए। आचार संहिता के कारण कर्ज वितरण पर असर हुआ है। जिला नियोजन कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी भी चुनाव ड्यूटी में लगे थे। 
 

Created On :   7 Jun 2019 9:39 PM IST

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