सौतन रखने पर परिवार परामर्श केन्द्र में पति को मिला ऐसा जवाब, सब रह गए सन्न

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सौतन रखने पर परिवार परामर्श केन्द्र में पति को मिला ऐसा जवाब, सब रह गए सन्न
सौतन रखने पर परिवार परामर्श केन्द्र में पति को मिला ऐसा जवाब, सब रह गए सन्न

डिजिटल डेस्क, कटनी। पत्नी के रहते हुए दूसरी महिला को पत्नी का दर्जा देकर रखना और यह कहना कि वह अभी भी पहली पत्नी को साथ में रखने को तैयार है। बशर्ते सौतन भी साथ में रहेगी। पहली पत्नी के अपमान और इस शर्त पर परिवार परामर्श केन्द्र ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी दी। परामर्शदात्रा समिति ने उस पुरुष से ही यह पूछा कि यदि उसकी पत्नी दूसरे पति को अपने साथ रख ले, तब भी वह उन दोनों के साथ रहने को तैयार होगा। यह बात सुनते ही परिवार परामर्श केन्द्र में सुनवाई में आए युवक के चेहरे से रंगत उड़ गई। कमरें में मौजूद अन्य पुरुष और महिला एक-दूसरे के चेहरे ताकने लगे। सिर नीचे करते हुए सभी लोगों ने यहां यह बता दिया कि इसका उत्तर हम सभी में से किसी के पास नहीं है। परामर्शदात्रा संजय गुप्ता ने कहा कि पुरुष वह काम बिल्कुल भी न करें, जो उन्हें महिलाओं के करने पर ऐतराज है। यहां पर पांच मामले सुनवाई के लिए पहुंचे। एक में कानूनी सलाह दिया गया तो अन्य मामलों मेें सुलह कराया गया।

पत्नी चली गई थी मायके

बड़वारा क्षेत्र के एक गांव का यह मामला रहा। शादी हुए एक वर्ष का ही समय हुआ था कि पति ने मारपीट करना शुरु दिया। जिसके बाद पत्नी मायके चली गई। तीन वर्ष तक वह मायके में ही रही। जहां पर महिला को पता चला कि उसका पति दूसरी महिला के साथ दांपत्य जीवन व्यतीत कर रहा है। इसके बाद महिला ने परामर्श केन्द्र का सहारा लिया। यहां पर सुनवाई के दौरान महिला के पति ने ऐसे अनाप-शनाप तर्क दिए कि विशेषज्ञों ने उसे फटकार भी लगाई। साथ ही पीडि़त महिला को कहा कि उसके लिए कानून के दरवाजे खुले हुए हैं। महिला की जो मर्जी होगी उसमें परिवार-परामर्श केन्द्र उसकी कानूनी मदद करेगा।

विवाहिता बेटी को जाने दें

यहां पर एक और अन्य पेचीदा मामला सामने आया। पति-पत्नी के बीच अनबन के चलते नौ माह पहले महिला अपने मायके चली गई। यहां पर सुनवाई के दौरान महिला ने कहा कि वह अपने पति के साथ जाने को राजी है। नौ माह के अंतराल में पति ही उसे लेने के लिए मायके नहीं आया, तो वह क्या कर सकती है। पति-पत्नी को सुनने के बाद परामर्श केन्द्र ने सुलह कराते हुए वह तिथि निर्धारित किया। जिसमें महिला को ससुराल जाना था। इसमें बाद में महिला के पिता ने नया पेंच फंसा दिया। जिसमें उसने कहा कि वह एक माह बाद ही अपनी बेटी को ससुराल भेजगा। इस पर परामर्श केन्द्र  के सदस्यों ने नाराजगी जताई, और सुलह का रास्ता अपनाया।

Created On :   6 Aug 2019 2:05 PM IST

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