विद्युत दरों में प्रस्तावित बढ़ोत्तरी बर्दाश्त नहीं - जबलपुर चेंबर  ने नियामक आयोग में सुनवाई के दौरान दर्ज की आपत्ति

Proposed increase in electricity rates is not tolerated - Jabalpur Chamber files regulatory objection
विद्युत दरों में प्रस्तावित बढ़ोत्तरी बर्दाश्त नहीं - जबलपुर चेंबर  ने नियामक आयोग में सुनवाई के दौरान दर्ज की आपत्ति
विद्युत दरों में प्रस्तावित बढ़ोत्तरी बर्दाश्त नहीं - जबलपुर चेंबर  ने नियामक आयोग में सुनवाई के दौरान दर्ज की आपत्ति

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र विद्युत नियामक आयोग की रिवाइज्ड ट्रू-अप याचिका वित्तीय वर्ष 2018-19 के मद्देनजर ऑनलाइन जनसुनवाई आयोजित की गई जिसमें बड़ी संख्या में प्रदेश के उद्योग-व्यापार से जुड़े प्रतिनिधि व नियामक आयोग के मानद सदस्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने प्रस्तावित विद्युत दरों पर विरोध जताया। चेंबर पदाधिकारियों ने ऑनलाइन सुनवाई में कहा कि इस तरह जनसुनवाई प्रति वर्ष आयोजित की जाती है जिसमें आम धारणा बन जाती है कि प्रस्तावित विद्युत दरों को आवश्यकता से अधिक बढ़ाकर डिस्कॉम नियामक आयोग के समक्ष पेश करती हैं, जो आपत्तियों के बाद थोड़ा कम की जाती हैं। यह प्रतिवर्ष की परिपाटी बन गई है जिससे किसी का भला नहीं होता तथा आम जनता को हर वर्ष बढ़ी हुई दरों को बर्दाश्त करना पड़ रहा है। चेंबर के चेयरमेन प्रेम दुबे ने बताया कि प्रदेश के विद्युत सिस्टम चाहे वह जनरेशन, ट्रांसमिशन या वितरण का हो सभी में त्रुटियाँ हैं जिन्हें समय रहते सुधार किया जाना चाहिए। प्रति वर्ष बढ़ते स्थापना व्यय, बंद पड़े प्लांटों को करोड़ों रुपए के सलाना भुगतान सहित अन्य कारण हैं जिनसे विद्युत सिस्टम घाटे में चल रहा है जिसका भार आम जनता पर आता है।
शंकास्पद ऋण
हिमांशु खरे ने कहा कि वितरण कम्पनियों ने वर्ष 2018 में 326 करोड़ रुपए की राशि को इबा व शंकास्पद ऋण में रखा था जिसे अभी 3212 करोड़ रुपए बताया जा रहा है, जिसके बारे में कोई कारण या तथ्य नहीं बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि शंकास्पद ऋण की वसूली करने वितरण कम्पनियों ने क्या प्रयास किए हैं वे भी नहीं बताये गए हैं। इतना ही नहीं पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित होने वाले दवाईयों के क्लस्टर में 3 रुपए 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से विघुत प्रदाय करने का प्रस्ताव रखा है वहीं जबलपुर व अन्य क्षेत्रों में आज भी उद्योग-व्यापार जगत लगभग तीन गुना दर पर विघुत दर का भुगतान करने मजबूर है। उन्होंने कहा कि ऐसी असमानताएँ समाप्त की जानी चाहिए। जबलपुर चेंबर के कमल ग्रोवर, नरिंदर सिंह पांधे, राधेश्याम अग्रवाल, पंकज माहेश्वरी, अजय बख्तावर, घनश्याम गुप्ता सहित अन्य ने कहा कि प्रस्तावित बढ़ी हुई विद्युत दरों को खारिज किया जाना चाहिए।   
 

Created On :   6 Jan 2021 10:46 AM GMT

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