खेतों में जल जमाव से फसलों की सुरक्षा करें

डिजिटल डेस्क, वाशिम. जिले में खरीफ फसलों की बुवाई पूर्ण होने के साथही फसलें अच्छी भी अंकुरित हुई है । जिले के 46 राजस्व मंडलों में से 5 मंडलों में 13 जुलाई तथा 16 मंडलों में 14 जुलाई को अतिवृष्टि हुई है । 13 जुलाई को 50.3 मिमी तो 14 जुलाई को 57.0 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई । खरीफ मौसम 2022-23 में जिले के किसानों ने कृषि विभाग के मार्गदर्शन में घरेलु सोयाबीन बीजों का उपयोग और बिजप्रक्रिया कर उचित गहराई में बुवाई की । लगभग 30 से 35 प्रतिशत क्षेत्र पर किसानों ने सोयाबीन बुवाई के लिए बीबीएफ यंत्र, सरी वरंबा पर टोकण पध्दति से बुवाई तथा बेड पर टोकण यंत्र द्वारा बुवाई करना आदि बातें अपनाई, जिससे पिछले 4 दिन तें लगातार हो रही बारिश का पानी सरी में जमा होकर खेत से बाहर निकालने में मदद हुई । फसलों का जमा हुए पानी से संपर्क ना आने के कारण फसल परिस्थिति उत्तम है लेकिन अनेक किसानों द्वारा इन दिनों बुवाई यंत्र से बुवाई किए गए स्थानों पर पनथल ज़मीन में पानी जमने की शुरुआत हुई है । जमे हुए पानी में फसलों की जड़ों द्वारा श्वसनक्रिया मंद पड़ती है और फसलें अन्नद्रव्य नहीं ले पाती, जिससे उनकी वृध्दि प्रभावित होती है । सोयाबीन और तुअर जैसी फसलों पर मर रोग होना संभव है । खेत में जमा पानी शीघ्रही खेत से बाहर कैसे निकाला जा सकता है, इसे लेकर उपाययोजना करें । वापसा आते ही आंतरमशागत के कार्य करवाएं । जिन किसानांे ने अभी बुवाई यंत्र द्वारा बुवाई की है, ऐसे किसान वापसा आने के बाद हर छह लाइन के बाद डवरे के सीरे पर रस्सी लपेटकर मृत सरी निकाल लें, क्योंकि पिछले 3 वर्षो में अगस्त व सितम्बर माह में अतिवृष्टी होने से फसलों को नुकसान हुआ है । इस संभावित खतरे को टालने के लिए मृत सरी निकालने पर बारिश का पानी सरी द्वारा खेत से बाहर निकल जाएंगा और फसलों का नुकसान टलेंगा । इस कारण सभी किसानों से सोयाबीन और तुअर फसलों में 72 घंटे से अधिक पानी जमा ना रहे, इसका ध्यान रखने का आव्हान जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी शंकर तोटावार ने किया है ।
Created On :   15 July 2022 5:23 PM IST