सार्वजनिक टिप्पणी पर ही लागू होगा एट्रासिटी-हाईकोर्ट का फैसला

Public comment will be applied only to the court of the Atrocity-High Court
सार्वजनिक टिप्पणी पर ही लागू होगा एट्रासिटी-हाईकोर्ट का फैसला
सार्वजनिक टिप्पणी पर ही लागू होगा एट्रासिटी-हाईकोर्ट का फैसला

डिजिटल डेस्क,मुंबई। जातिसूचक टिप्पणी को दलित उत्पीड़न (एट्रासिटी) कानून के तहत तभी अपराध माना जाएगा जब यह टिप्पणी सार्वजनिक रुप से सबसे के सामने हुई हो। बांबे हाईकोर्ट ने एक सरकारी अधिकारी को राहत देते हुए यह फैसला सुनाया है। 

सरेआम घटना ही होगी मान्य
न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति प्रकाश नाइक की खंडपीठ ने इस मामले में दलित उत्पीड़न कानून के तहत आरोपी सरकारी अधिकारी सुनील मदाने को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत भी प्रदान की है। खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी मदाने पर गाली गलोच करने की जो शिकायत की गई है  उस पर गौर करने पर महसूस होता है कि वह सबके सामने नहीं हुई है। खंडपीठ ने कहा कि एट्रासिटी कानून के तहत किसी भी अनुसूचित जाति व जनजाति के व्यक्ति के निरादर को तभी अपराध माना जाएगा जब वह सरेआम घटित हुआ हो।खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में पीड़ित के अनादर को लेकर दो प्रत्यक्षदर्शी गवाहों की गवाही पर्याप्त नहीं है। गौरतलब है कि एट्रासिटी कानून की धारा 18  आरोपी को अग्रिम जमानत देने से रोकती है। अपवादजनक स्थिति में आरोपी को तभी जमानत दी जा सकती है जब प्रथम दृष्टया उस पर कोई मामला ही न बनता हो अथवा अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचे की आरोपी पर आरोप गलत इरादे से लगाए गए थे।

महिला ने लगाए आरोप
आरोपी मदाने के खिलाफ महार समुदाय की महिला ने फलटन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला के मुताबिक मदाने ने उससे न सिर्फ अभद्र भाषा में बात की बल्कि अशोभनीय टिप्पणी भी की। महिला मदाने की पडोस में रहती है। इस दौरान दो लोग मौजूद थे। अभियोजन पक्ष ने कहा कि पुलिस आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है।  वहीं मदाने के वकील ने हाईकोर्ट में दावा किया कि उनके मुवक्किल को इस मामले में फंसाया गया है। इसके अलावा यदि उसकी गिरफ्तारी होती है तो उनकी नौकरी जा सकती है। सत्र न्यायालय ने मदाने को जमानत देने से इंकार कर दिया था। इसलिए उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले से जुड़ों सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने आरोपी को गिरफ्तारी से राहत प्रदान की। खंडपीठ ने कहा कि यदि मदाने की गिरफ्तारी की जाती है तो उसे 50 हजार रुपए के मुचलके व एक अथवा दो जमानतदार लेने के बाद उन्हें छोड़ दिया जाए। 

Created On :   31 March 2018 7:20 PM IST

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