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हाईकोर्ट का आदेश: एेतिहासिक हैं पुरानी कोर्ट, पीडब्लूडी करे रखरखाव
डिजिटल डेस्क,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य का सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग पुरानी कोर्ट की इमारतों का रखरखाव करे। क्योंकि इन इमारतों का न सिर्फ ऐतिहासिक महत्व है बल्कि ये इमारते अपने वास्तुशिल्प के चलते भी महत्व रखती हैं। हाईकोर्ट ने विदर्भ इलाके के अलग-अलग हिस्सों में स्थित पुरानी इमारतों के मुद्दे पर संज्ञान लिया था। इसके बाद सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है।
जस्टिस अभय ओक व न्यायमूर्ति रियाज छागला की बेंच ने कहा कि विदर्भ इलाके में स्थित कई कोर्ट की इमारते काफी पुरानी हैं। ये इमारतें धरोहर की श्रेणी में आती हैं या नहीं। इसको लेकर हमारे सामने कोई दस्तावेज नहीं पेश किया गया है। हमारे सामने जो दस्तावेज हैं उसमे सिंधुदुर्ग, पुणे और मुंबई की एक कोर्ट इमारत को धरोहर का दर्जा दिया गया है। इसलिए इन इमारतों के मरम्मत व उनके ढांचे को सहेजने के लिए जरुरी कदम उठाए जाएं। खंडपीठ ने हाईकोर्ट की इंफ्रास्टेक्चर एवं बिल्डिंग कमेटी को इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करने को कहा है। बेंच ने कहा कि कुछ इमारते सौ साल पुरानी भी है। पुरानी इमारते अपने वास्तुशिल्प व अपने इतिहास के चलते भी महत्व रखती हैं। इसलिए कमेटी इस मामले पर गौर करे और सरकार विशेषज्ञों की नियुक्ति करके इन इमारतों की स्थिति का जायजा ले। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   7 Oct 2017 2:41 PM GMT