अमृत महोत्सव के तहत CISF की देशभर से निकलेंगी साइकिल रैलियां

Pune : CISFs cycle rallies will come out from across the country under Amrit Mahotsav
अमृत महोत्सव के तहत CISF की देशभर से निकलेंगी साइकिल रैलियां
पुणे के यरवड़ा जेल से शुरुआत अमृत महोत्सव के तहत CISF की देशभर से निकलेंगी साइकिल रैलियां

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुणे के यरवड़ा जेल से अमृत महोत्सव के तहत साइकिल रैली की शुरुआत होगी। केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) देश की स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत पूरे देश में 10 साइकिल रैलियां आयोजित कर रहा है। सबसे लंबी रैली शनिवार को पुणे की ऐतिहासिक यरवडा जेल से शुरु होगी और दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी। सीआईएसएफ के 12 जवान इस रैली में भाग लेंगे। यह रैली 1703 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 27 दिन तक ऐतिहासिक रुप से महत्वपूर्ण स्थानों और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के जन्मस्थानों से होकर गुजरेगी। रैली को कल सवेरे यरवडा जेल से झडी दिखाकर रवाना किया जाएगा।

यरवड़ा जेल वह प्रसिद्ध स्थान है, जहां ऐतिहासिक पूना पैक्ट, जो डिप्रेस्ड क्लासेस (अछूत) और हिंदूओं के बीच, जिस पर डिप्रेस्ड क्लासेस की ओर से डॉ बाबासाहेब आंबेडकर और हिंदूओं की ओर से मदन मोहन मालविय ने 24 सिंतबर 1932 को रात के 12 बजे हस्ताक्षर किए थे। 1932 को ब्रिटिश सरकार द्वारा घोषित कम्युनल अवार्ड में डिप्रेस्ड क्लासेस को अलग निर्वाचन का स्वतंत्र राजनीतिक अधिकार मिला था।

इस अवार्ड से एससी (डिप्रेस्ड क्लास) को आरक्षित सीटों पर अलग निर्वाचन द्वारा अपने प्रतिनिधि स्वयं चुनने का अधिकार मिला और साथ ही सामान्य जाति के निर्वाचन क्षेत्रों में सवर्णों को चुनने हेतु दो वोट का अधिकार भी प्राप्त हुआ। इस फैसले के विरोध में गांधीजी ने यरवडा जेल में अनशन किया था। दबाव और कई प्रयासों के बाद डॉ आंबेडकर को गांधीजी की संयुक्त निर्वाचन प्रणाली की शर्त माननी पडी। वैसे गांधीजी ने तीन बार यरवडा जेल में अनशन पर बैठे थे। 


 

Created On :   3 Sept 2021 8:53 PM IST

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