जनहित याचिका का उद्देश्य पूरा, कोर्ट ने किया निरस्त

Purpose of public interest litigation fulfilled, court canceled it
जनहित याचिका का उद्देश्य पूरा, कोर्ट ने किया निरस्त
अदालत जनहित याचिका का उद्देश्य पूरा, कोर्ट ने किया निरस्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  हाईकोर्ट ने जेल प्रबंधन, पुलिस और न्यायालय के बीच समन्वय की जनहित याचिका का निपटारा कर दिया है। याचिका में न्यायालय मित्र की भूमिका निभाने वाली एड. मुग्धा चांदुरकर के कामों की सराहना भी की है। हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति नितीन जामदार और न्यायमूर्ति अनिल पानसरे की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर अंतिम सुनवाई के बाद निरस्त करने का आदेश दिया है। 2015 में हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए मान्य किया था। न्यायालय प्रबंधन, जेल प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन के बीच समन्वय को लेकर मुद्दा उठा था। पिछले 7 साल में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के आधार पर ई-समिति का गठन हुआ है, जिसकी निगरानी में जेल प्रशासन ने कई उपाय योजना को क्रियान्वित किया है। इसके साथ ही कई तकनीकी संसाधनों को भी स्वीकार किया है। हाईकोर्ट विधि सेवा प्राधिकरण ने भी कई सराहनीय कदम उठाए हैं। ऐसे में जनहित याचिका का उद्देश्य पूरा हो चुका है। हाईकोर्ट आगे भी जनहित से जुड़े न्यायिक प्रक्रिया सुधार के कदमों पर निगरानी रखेगा। ऐसे में जनहित याचिका को निरस्त किया जा रहा है। प्रतिवादियों की ओर से ए. एस. फुलझेले और एड. एन. एस. देशपांडे ने पैरवी की। 

Created On :   27 Feb 2022 4:52 PM IST

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