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लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी जिम्मेदार नहीं - चव्हाण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा चुनाव में हार के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता उन्हें इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। अगर वे इस्तीफा दें तो भी उसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस को नुकसान हुआ इसलिए महाराष्ट्र समेत जिन राज्यों में नुकसान हुआ है वहां के प्रदेश अध्यक्ष अपने पदों से इस्तीफा दें जिससे राहुल गांधी को नई टीम चुनने की आजादी मिल सके। शनिवार को मुंबई स्थित तिलक भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चव्हाण ने कहा कि मैं खुद इस्तीफे की पेशकश करूंगा। चव्हाण ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते मैं राज्य में मिली हार की जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं।
मैं इस हार के लिए किसी और को जिम्मेदार नहीं मान रहा हूं। उनके मुताबिक राज्य में पार्टी नेताओं के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है। हमने सर्वसहमति से फैसले किए हैं। इस हार की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का बचाव करते हुए चव्हाण ने कहा कि उन्होंने चुनाव में कड़ी मेहनत की। अपनी तरफ से उन्होंने कोई कमी नहीं होने दी। जिन राज्यों में कांग्रेस की सीटें घटी हैं मेरे समेत वहां के अध्यक्षों को पद छोड़कर राहुल को नई टीम चुनने की आजादी देनी चाहिए। बता दें कि चव्हाण खुद चुनाव हार गए और राज्य में राकांपा से गठबंधन करने वाली कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज कर सकी।
वंचित बहुजन आघाड़ी के चलते हार
चव्हाण ने राज्य में बुरे प्रदर्शन के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी को भी बड़ी वजह बताया। उन्होंने कहा कि वंचित बहुजन आघाड़ी का असर 9-10 सीटों पर पड़ा। हमने उन्हें चुनाव से पहले साथ लेने की कोशिश की लेकिन वे तैयार नहीं हुए। वंचित ने भाजपा की बी टीम की तरह काम किया जिसका हमें नुकसान और भाजपा-शिवसेना को फायदा हुआ।
इधर बेटे की हार स्वीकारने को तैयार नहीं हैं राणे
महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने बेटे निलेश राणे के लोकसभा चुनाव हारने पर कहा है कि वे हार मानने को तैयार नहीं। सिंधुदुर्ग-रत्नागिरी सीट पर शिवसेना के विनायक राऊत की जीत पर संदेह जताते हुए राणे कहा कि कोकण में हम भले ही हार गए हैं, पर मुझे यह हार स्वीकार नहीं है। चुनाव परिणाम पर संदेह जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रत्नागिरी में मतदान के हर राउंड में 7 से 8 हजार का अंतर कैसे आ सकता है।
उन्होंने कहा कि कणकवणी तो हमारी सीट है, पर वहां से भी हमारे उम्मीदवार को बढ़त न मिलना आश्चर्यजनक है। बता दें कि इस सीट से राणे के छोटे बेटे नितेश राणे विधायक हैं। राणे ने कहा कि चुनाव परिणाम को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की बाबत हम विचार करेंगे । रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट से राणे के बेटे निलेश राणे को लगातार दूसरी बार शिवसेना के विनायक राऊत ने पराजित किया है। निलेश 1 लाख 77 हजार 387 वोटों के अंतर से चुनाव हारे हैं। कोकण राणे का गढ़ माना जाता है। लेकिन लगातार मिल रही हार से राणे को तगड़ा झटका लगा है।
Created On :   25 May 2019 6:11 PM IST