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रेल हादसे : सात सालों में गई 22 हजार की जान, आरटीअई से खुलासे के बाद खड़े सवाल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में रेल हादसों में पिछले सात सालों में 22 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) से मिली जानकारी से यह खुलासा हुआ है। साल 2019 में भी महानगर में रेल पटरियां पार करते हुए 2664 लोगों की जान चली गई। इसी बीच आरटीआई के तहत मरने वालों के बारे में दो अलग जानकारियों से जीआरपी पर सवाल खड़े हो गए हैं।
दरअसल दो आरटीआई के जवाब में रेलवे पुलिस ने मौतों को लेकर दो अलग-अलग जानकारियां साझा कीं हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता शकील शेख को जीआरपी ने जो आंकड़े दिए हैं उसके मुताबिक साल 2019 में रेल पटरियां पार करते समय मुंबई में 2123 लोगों की मौत हुई है और 1758 लोग घायल हुए हैं। लेकिन एक्टिविस्ट समीर झवेरी को जो आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं उसके मुताबिक महानगर में रेल पटरियां पार करते समय 2664 लोगों की मौत हुई है जबकि 3158 यात्री घायल हुए हैं। दो अलग-अलग जानकारियां सामने आने से नाराज शेख ने कहा कि इससे रेलवे पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे आंकड़ों की विश्वसनीयता ही संदिग्ध हो गई है। शेख ने मामले की शिकायत सूचना आयोग से की है।
इसके अलावा रेलवे पुलिस आयुक्त को भी खत लिखकर सूचना मुहैय्या कराने वाले अधिकारी जीसी हिरेमठ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। रेलवे द्वारा झवेरी को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर भरोसा करें तो रेल हादसों में मरने वालों की संख्या लगातार कम हो रही है। साल 2019 में भी इसमें कुछ कमी आई है। जबकि पिछले सात सालों में मुंबई में 22094 लोग रेल हादसों में मारे गए हैं हालांकि राहत की बात यह है कि हादसों और मरने वालों की संख्या हर साल कुछ कम हो रही है।
जानलेवा रेल हादसे
साल मृत घायल
2019 2664 3158
2018 2981 3494
2017 3014 3345
2016 3202 3363
2015 3304 3349
2014 3423 3299
2013 3506 3318
Created On :   30 Jan 2020 3:08 PM GMT