हाईकोर्ट का तंज - महाराष्ट्र में महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ कागजी

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट का कहना है कि महाराष्ट्र में महिलाओं से जुड़े नियम प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सिर्फ कागजों में "रामराज" नजर आता है, लेकिन वास्तव में स्थिति बिल्कुल अलग है। पुलिस गश्त करने की बजाय घूमती रहती है। लिहाजा गृह विभाग हलफनामा दायर कर बताए कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर महाराष्ट्र में क्या कदम उठाए गए हैं ?
डिविजन बेंच ने एक PIL पर सुनवाई करते हुए पूछा कि क्या निजी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में सरकार ने निर्देश जारी किए हैं ? सुनवाई के दौरान डिविजन बेंच ने ऑटो रिक्शा में महिला के साथ होने वाली बदसलूकी को लेकर भी चिंता जाहिर की। बेंच ने कहा कि छेड़छाड से जुड़े मामलों पर नियंत्रण के लिए पुलिस को अधिक जागरूक व संवेदनशील बनाने की जरूरत है।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर डिविजन बेंच ने कहा कि पहले मुंबई के मरीन ड्राइव में पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस अधिकारी सुरक्षा को लेकर चौकन्ने रहते थे, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। पुलिसवाले गश्त करने की बजाय सैर-सपाटा करते दिखाई देते हैं। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने कहा कि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई आदेश जारी किए हैं। इस पर डिविजन बेंच ने कहा कि सरकार के आदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ‘रामराज’ नजर आता है, लेकिन वास्तविक स्थिति इससे अलग है। हाईकोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई 2 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   5 July 2017 1:25 PM IST