शादीशुदा महिला के साथ दोस्ती कर संबंध बनाने वाले के खिलाफ दर्ज रेप का मामला रद्द करने से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने शादीसुदा महिला के साथ दोस्तीकर उसके साथ संबंध बनाने के बाद उसे अस्वीकार करनेवाले आरोपी के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है।जबकि इस मामले से जुड़ी पीड़िता का नाम याचिका में सार्वजनिक करने के लिए याचिकाकर्ता (आरोपी) के वकील पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने जुर्माने की रकम कीर्तिकर लॉ लाइब्रेरी में जमा करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म के मामले में पीड़िता की पहचान को उजागर करना भारतीय दंड संहिता की धारा 228ए के तहत अपराध है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति पीके चव्हाण की खंडपीठ ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा कि इस मामले में आरोपी ने महिला से कहा था कि यदि वह अपने पति को छोड़ दे तो वह उसे स्वीकार करेगा। लेकिन आरोपी ने ऐसा नहीं किया है। इसके अलावा आरोपी ने पीड़िता को यह कह कर भी धमकाया था कि यदि वह संबंध बनाने को राजी नहीं हुई तो वह उसकी बेटी को क्षति पहुंचाएगा। मामले से जुड़ी यह परिस्थितियां इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के अपराध का खुलासा करती हैं। इसलिए आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द नहीं किया जा सकता है। ठाणे के राबोडी पुलिस स्टेशन ने महिला की शिकायत के बाद इस मामले में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व 506 तहत एफआईआर दर्ज की थी। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने पाया कि महिला का पति दुबई में रहता था। इस बीच पीड़िता का एक दोस्त के जरिए आरोपी से परिचय हुआ और आरोपी ने पीड़िता के साथ दोस्ती बनाई और कुछ समय बाद पीड़िता पर संबंध बनाने के लिए दबाव बनाने लगा। एक दिन आरोपी ने पीड़िता को अपने दोस्त के घर में मिलने के लिए बुलाया और वहां पर उसने पीड़िता के साथ जबरन संबंध बनाए। साल 2017 में जब पीड़िता का पति दुबई से आया तो उसे अपनी पत्नी पर शक हुआ। उसने पत्नी का मोबाइल नंबर बदलवा दिया लेकिन आरोपी ने किसी तरह पीड़िता का नया फोन नंबर हासिल कर लिया और फिर उससे मुलाकात की। इस दौरान आरोपी ने उससे कहा कि यदि पीड़िता अपने पति को छोड़ देगी तो वह उसे स्वीकार कर लेगा। साल 2018 में जब पीड़िता का पति वापस मुंबई लौटा तो उसे फिर अपनी पत्नी के फोन पर आपत्तिजनक बातचीत देखने को मिली। इसके बाद पीड़िता के पति ने उसे छोड़ दिया लेकिन आरोपी ने भी उसे अपनाने से इंकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई।
सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील सौरभ बुटाला ने कहा कि मेरे मुवक्किल ने पीड़िता के साथ उसकी मर्जी व सहमति से संबंध बनाए थे। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत अपराध नहीं बनता है। इसलिए मामले को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया जाए। सरकारी वकील ने आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने का विरोध किया। इस तरह खंडपीठ ने आरोपी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में धारा 376 के तहत अपराध का खुलासा होता है। इसलिए आरोपी की याचिका को खारिज किया जाता है।
Created On :   5 Feb 2023 5:09 PM IST