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डॉ. भांडे समिति की रिपोर्ट पुन: केंद्र को भेजी जाएगी : सीएम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिछले सोलह सालों से उपेक्षा के शिकार परिट समाज को अनुसूचित जाति की सुविधाएं दिलाने की हरसंभव कोशिश है। परिट समाज को लेकर डॉ. भांडे समिति की रिपोर्ट पुन: केन्द्र सरकार को भेजने का आश्वासन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दिया है। महाराष्ट्र धोबी (परिट) समाज आरक्षण समिति के अध्यक्ष डी.डी. सोनटक्के के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के सहयोग से मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस मौके पर सीएम ने शीघ्र ही रिपोर्ट केन्द्र को भेजने का विश्वास दिलाया। उन्होंने कहा कि, देश के कई राज्यों में धोबी समाज को सारी सुविधाएं मिल रही हैं। कई वर्ष पूर्व जब सीपीएंड बेरार था, यहां भी उन्हें सुविधाएं उपलब्ध थीं। संयुक्त महाराष्ट्र की स्थापना के बाद धोबी (परिट) समाज का ओबीसी में विलय किया गया। समाज को फिर से सारी सुविधाएं देने के लिए 23 मार्च 2001 में डॉ. दशरथ भांडे की अध्यक्षता में धोबी समाज पुनरावलोकन समिति की घोषणा की गई। समिति ने अध्ययन कर 28 फरवरी 2002 को रिपोर्ट सरकार को पेश की, जिसमें धोबी(परिट) समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने का उल्लेख था।
समिति की रिपोर्ट के साथ ही डॉ. बाबासाहब आंबेडकर संसोधन समिति की रिपोर्ट भी संलग्न की गई। सीएम फडणवीस ने प्रतिनिधिमंडल की समस्याओं को गौर से सुना और उसे पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास करने का विश्वास दिलाया। प्रतिनिधिमंडल में डी.डी. सोनटक्के, रूकेश मोतीकर, दयाराम हिवरकर, माणिकराव भोस्कर, अशोक क्षीरसागर, सुरेश भोस्कर सहित समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।
8 जनवरी को मुंबई में आक्रोश आंदोलन
भांडे समिति की रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजने का आश्वासन हालांकि सीएम फडणवीस ने दिया है, लेकिन इस पर ठोस निर्णय लेने व समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए धोबी (परिट) समाज की ओर से 8 जनवरी को मुंबई के आजाद मैदान पर आक्रोश आंदोलन किया जाएगा।
बकाया बिजली बिल के चलते कोई भी जलापूर्ति योजना बंद नहीं की जाएगी
नागपुर जिले की कई स्थानीय स्वराज संस्थाओं की जलापूर्ति योजना की बिजली, विद्युत बिल के बकाया होने से विभाग द्वारा काट दी जाती है, लेकिन अब बकाया बिल के चलते कोई भी जलापूर्ति व्यवस्था बंद नहीं होगी। यह घोषणा जिले के पालकमंत्री तथा ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने की। रामटेक में आयोजित रामटेक राजस्व उपविभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में वे बोल रहें थे। बैठक में राजस्व, जलापूर्ति, जीवन प्राधिकरण, खनिज, कृषि, जिप निर्माणकार्य विभाग के सभी संबंधित प्रमुख अधिकारी प्रमुखता से उपस्थित थे। बैठक में जलसंकट सदृश्य स्थिति को देखते हुए आने वाले दिनों में उत्पन्न होने वाली आपात स्थिति से निपटने विस्तृत समीक्षा हुई। जलापूर्ति से संबंधित अपूर्ण कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण कर उसका ब्यौरा प्रस्तुत करने के आदेश भी संबंधित विभाग प्रमुखों को दिए गए।
मंच पर सांसद कृपाल तुमाने, राज्य खनिकर्म विकास महामंडल के अध्यक्ष एड.आशीष जयस्वाल, विधायक डी.मल्लिकार्जुन रेड्डी, जिप उपाध्यक्ष शरद डोणेकर, आनंदराव देशमुख, पंस सभापति किरण धुर्वे, रामटेक, राजेश कडू, पारशिवनी, रामटेक के नगराध्यक्ष दिलीप देशमुख, नगरपंचायत पारशिवनी अध्यक्ष कुंभलकर, नगरपंचायत कन्हान अध्यक्ष शंकरराव चहांदे आदि उपस्थित थे। स्थानीय घनशामराव किंमतकर स्मृति सभागृह में शनिवार को दोपहर दो बजे बैठक शुरू हुई। बैठक में जलापूर्ति व्यवस्था सदृढ़ करने पर बल दिया गया।
विभिन्न योजनाओं से रामटेक उपविभाग में जलापूर्ति व्यवस्था के निर्माणस्थ कार्य, ठप पड़े तकनीक कारणों से रुके हुए अथवा शासकीय फाइलों में अटके पड़े कार्यों की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया गया। इसमें लापरवाही बरतने वाले, टालमटोल करने वाले अथवा वस्तुस्थिति से भागने वाले संबंधित अधिकारियों की पालकमंत्री ने जमकर खिंचाई भी की। कार्यतत्परता में कोताई बरतने वालों की वेतनवृद्धि रोकने के आदेश भी पालकमंत्री ने मुख्यकार्यपालन अधिकारी, उपविभागीय राजस्व अधिकारी को दिए। बैठक में जिप सदस्य,पंस सभापति, उपसभापति, सदस्य, नगराध्यक्ष, पार्षद को बुलाया गया था। वहीं सरपंच, ग्रापं सदस्य को नहीं बुलाया गया। जिससे कुछ सरपंचों ने नाराजी व्यक्त की। संचालन एसडीओ जोगेंद्र कट्यारे ने किया। कुल 12 विषय सूची में थे।
Created On :   30 Dec 2018 6:19 PM IST