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दैनिक भास्कर हिंदी: ‘राइट ऑफ’ किसानों का कर्ज नहीं होगा माफ, आवेदन की 5 जून लास्ट डेट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा राइट आफ किए गए किसानों को कर्ज माफी का लाभ नहीं मिलेगा। उल्लेखीय है कि पांच साल तक जो कर्जदार कर्ज का भुगतान नहीं करता, राष्ट्रीयकृत बैंक उन्हें ‘राइट आफ’ कर देता है। करीब 4 हजार किसान इस नियमों के फेर में फंस गए हैं। बाकी बचे कर्जदारों को जरूर कर्जमाफी का लाभ मिलेगा
होगी डेढ़ लाख तक की कर्जमाफी
याद रहे राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2001 से 31 मार्च 2009 तक जिन किसानों ने कर्ज लिया, उन्हें डेढ़-डेढ़ लाख तक की कर्जमाफी देने का निर्णय लिया था। राज्य सरकार ने 21 मई को जीआर जारी कर कर्जदारों को 5 जून तक आॅनलाइन आवेदन करने को कहा है। जिले में 12 हजार कर्जदार हैं। इसमें से 8 हजार नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी (एनडीसीसी) बैंक के कर्जदार हैं। करीब 4 हजार ऐसे कर्जदार हैं, जिन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज लिया है। राष्ट्रीयकृत बैंक इनमें से जिन्हें राइट आॅफ (निर्लेखित) कर चुकी है, उनका कर्ज माफ नहीं होगा। ये लोग कर्जमाफी के लिए आवेदन भी नहीं कर सकते। इन्हें खुद ही कर्ज का भुगतान करना पड़ेगा।
क्या है राइट आफ
लगातार पांच साल तक कर्ज का भुगतान नहीं करने पर राष्ट्रीयकृत बैंक संबंधित कर्जदार को राइट ऑफ (निर्लेखित) कर देते हैं। बैंक को जो मुनाफा होता है, उससे इसकी भरपाई की जाती है। इसके बाद इस कर्जदार को कर्जदार की सूची से निकालकर अलग सूची में शामिल किया जाता है। कर्जदार की सूची से हटने के कारण इस कर्जदार को सरकार की कर्जमाफी का लाभ नहीं मिल पाता। हालांकि बैंक आखिर तक कर्ज वसूली के लिए संबंधित कर्जदार पर कार्रवाई करती रहती है। कर्जदार को खुद कर्ज का भुगतान करना पड़ता है।
किसानों को खुद ही भुगतान करना पड़ेगा
वर्ष 2001 से 2009 तक कर्जमाफी का लाभ लेने के इच्छुक किसानों को 5 जून तक आनलाइन आवेदन करना है। इसके बाद इन्हें कर्जमाफी मिलेगी। एनडीसीसी के करीब 8 हजार लोगों को कर्जमाफी का लाभ मिल सकेगा। राष्ट्रीयकृत बैंकों ने जिन्हें राइट ऑफ किया, उनका कर्ज सरकार नहीं भरेगी। उन किसानों को खुद ही इसका भुगतान करना पड़ेगा।
सतीश भोसले, उपनिबंधक (सहकार) नागपुर
भोपाल: आईसेक्ट द्वारा डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट द्वारा लर्निंग एंड डेवलपमेंट की पहल के तहत बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में "टीम बिल्डिंग, टाइम मैनेजमेंट और सॉफ्ट स्किल्स" विषय एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। आईसेक्ट भोपाल की कॉर्पोरेट एचआर टीम इस अवसर पर बिलासपुर में उपस्थित रही और श्रीमती पुष्पा कश्यप की अध्यक्षता में टीम एचआर, बिलासपुर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में 80 से अधिक फैकल्टी सदस्यों ने अपनी पूरी भागीदारी के साथ भाग लिया। विशेषज्ञ प्रख्यात वक्ता श्रीमती गीतिका जोशी जो प्रबंधन और सॉफ्ट स्किल्स में एक कॉर्पोरेट ट्रेनर हैं, ने बात करते हुए टाइम मैनेजमेंट के कई टिप्स दिए और कार्यस्थल पर प्रोडक्टिव होने के तरीके बताए। श्री गौरव शुक्ला, डॉ. सीवीआरयू के रजिस्ट्रार और प्रो-वाइस चांसलर श्रीमती जयती मित्रा ने इस तरह के प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मचारियों को अपस्किल करने में एलएंडडी/कॉर्पोरेट एचआर टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कुछ अंतराल पर अपने तकनीकी और गैर-तकनीकी कर्मचारियों के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा। सीवीआरयू बिलासपुर के चांसलर श्री संतोष चौबे, आईसेक्ट के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी और आईसेक्ट विश्वविद्यालय समूह की निदेशक श्रीमती अदिति चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की सफलता पर टीम सीवीआरयू और कॉर्पोरेट एचआर/एल एंड डी को बधाई दी।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।