कोरोना संक्रमित व्यक्ति का नाम सार्वजनिक करने से बहिष्कृत होने का जोखिमः हाईकोर्ट 

Risk of being excluded from making Corona infected persons name public: High Court
कोरोना संक्रमित व्यक्ति का नाम सार्वजनिक करने से बहिष्कृत होने का जोखिमः हाईकोर्ट 
कोरोना संक्रमित व्यक्ति का नाम सार्वजनिक करने से बहिष्कृत होने का जोखिमः हाईकोर्ट 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान सार्वजनिक करने से हमेशा उसके बहिष्कृत होने का जोखिम बना रहेगा। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। याचिका में कोरोना संक्रमित मरीज के नाम को सार्वजनिक करने की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने कहा कि आखिर कोरोना संक्रमित के नाम का खुलासा करने से कौन सा उद्देश्य पूरा हो जाएगा? यदि कोई व्यक्ति हर सावधानी व सतर्कता बरतता है तो उसे कोरोना के संक्रमण के फैलने की चिंता नहीं करनी चाहिए। यदि कोरोना संक्रमित के नाम का खुलासा किया जाता है तो इसमें हमेशा उसके बहिष्कृत होने का जोखिम बना रहेगा। 

इस विषय पर कानून की पढ़ाई कर रही वैष्णवी घोलवे ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना बाधित व्यक्ति का नाम न घोषित किया करना स्वास्थ्य जीवन जीने के अधिकार को प्रभावित करता है। इसलिए जनहित में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के नाम का खुलासा करना चाहिए। ताकि उसके संपर्क में आए लोग खुद अपनी जांच करा सके। इस संदर्भ में निजता के अधिकार के बारे में विचार नहीं होना चाहिए। 

नाम सार्वजनिक करने की मांग को लेकर दायर हुई है याचिका 

याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि कोरोना संक्रमण हर व्यक्ति की सावधानी पर निर्भर करता है। यदि कोई व्यक्ति भीड़भाड़ में शामिल नहीं होता, समय- समय पर हाथ धोता है, चेहरे को शील्ड से ढकता है तो वह संक्रमण के संपर्क में नहीं आएगा लेकिन कोई बिना मास्क पहने लोगों से मिलेगा तो उसका संक्रमण की चपेट में आना स्वाभाविक है। यदि कोई कोरोना बाधित के संपर्क में आता है तो उसमें बीमारी के लक्षण नजर आने लगता है। लक्षण के आधार पर ऐसा व्यक्ति अपनी जांच करा सकता हैं। 

वहीं इस दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि इस विषय पर मध्यप्रदेश, उड़ीसा, मद्रास व केरल में भी याचिका दायर की गई थी लेकिन इन सभी याचिकाओं को वहां की हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील यशोदीप देशमुख को इन हाईकोर्ट के फैसलों को देखने को कहा। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। 
 
 

Created On :   28 July 2020 5:44 PM IST

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