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रात में चोरी, दिन में पुलिस से बचने बन जाता था भिखारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। तहसील पुलिस ने एक शातिर सेंधमार को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम बबलू उर्फ डागा राजाराम मोहनिया है। यह मध्यप्रदेश का निवासी है। आरोपी शहर में चोरी करने के बाद दिन में भिखारी बनकर घूमता था, ताकि पकड़ा न जाए। आरोपी ने शहर में 10 से अधिक सेंधमारी की घटनाओं को अंजाम दिया है। आरोपी को तहसील के वरिष्ठ थानेदार जयेश भंडारकर के नेतृत्व में पकड़ा गया। इस आरोपी ने इतवारी की एक दुकान में चोरी करने की बात स्वीकार की है। दुकान मालिक स्वयंप्रसाद गुप्ता की शिकायत पर पुलिस ने 3 जून को चोरी का मामला दर्ज हुआ।
पुलिस को देखकर भागने लगा
पुलिस सूत्रों के अनुसार सेंधमार ने स्वयंप्रसाद गुप्ता की इतवारी स्थित दुकान में 2-3 जून की दरमियानी रात ताला तोड़कर नकदी, चांदी के सिक्के सहित करीब 54 हजार रुपए का माल चुरा लिया था। तहसील थाने का एक दस्ता गत 4 जून को टिमकी क्षेत्र में गश्त कर रहा था। दस्ते को देखकर एक भिखारी भागने लगा। पुलिस ने कुछ दूर तक उसका पीछा कर उसे धरदबोचा। पूछताछ में उसने अपना नाम बबलू मोहनिया बताया और उसने शहर में कई जगह पर चोरी करने की बात भी स्वीकार की। साथ ही उसने इतवारी में गुप्ता की दुकान में भी चोरी करने की बात भी पुलिस को बताई। आरोपी बबलू मूलत: बिसापुर, सौंसर, जिला छिंदवाड़ा का रहने वाला है।
इसलिए बना लेता था भिखारी का हुलिया
भिखारी का वेशधारण करके घूमने के बारे में उसने पुलिस को बताया कि, इस हुलिए में पकड़े जाने का डर कम रहता था। लॉकडाउन के चलते कहीं भी आसानी से घूम-फिर सकता था। इस वेशभूषा में बंद दुकानों और मकानों की तलाश करता था। जहां अभय देशपांडे नहीं जा पाता था वहां खुद अकेले ही जाकर माल पर हाथ साफ कर देता था।
काम की तलाश में आया था नागपुर
बबलू नागपुर में वह काम की तलाश में आया था, लेकिन चोरी करने लगा। वह यह काम अपने मित्र अभय धनराज देशपांडे के साथ मिलकर करता था। वह जरीपटका क्षेत्र की भस्मासुर झोपड़पट्टी क्षेत्र में रहता है। उसने आरोपी अभय के साथ मिलकर कुल 29 चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है, जिसमें 10 चोरी की घटनाओं को उसने खुद अंजाम दिया था। बबलू की निशानदेही पर आरोपी अभय देशपांडे को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल दोनों आरोपी 3 दिन की पुलिस रिमांड पर हैं।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।