RTO के रिकार्ड में नहीं वाहन, न ही भरा ग्रीन टैक्स, न कबाड़ ही बताया

RTO has no record of  more than 1 lakh vehicle
RTO के रिकार्ड में नहीं वाहन, न ही भरा ग्रीन टैक्स, न कबाड़ ही बताया
RTO के रिकार्ड में नहीं वाहन, न ही भरा ग्रीन टैक्स, न कबाड़ ही बताया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में चल रहे वाहनों में 1 लाख से ज्यादा वाहन आउटडेटेड की स्थिति में है लेकिन आश्चर्य है कि आरटीओ के पास ऐसे वाहनों का रिकार्ड भी नहीं है। इसके बावजूद इनके द्वारा न तो कबाड़ कराने को लेकर कोई सूचना आई है और न ही ग्रीन टैक्स भरा है। ऐसे में शहर के ऐसे वाहनों का खुद आरटीओ को अता-पता नहीं होने की बात सामने आई है। टैक्स की बात करें तो इन वाहनों पर करोड़ों का टैक्स बकाया दिख रहा है। 

नागपुर शहर की बात करें तो वर्तमान में 15 लाख से ज्यादा वाहन चल रहे हैं। इनमें 1 लाख से ज्यादा वाहन ऐसे हैं, जिसे वाहनधारकों ने 15 वर्ष पहले खरीदा था। नियमानुसार किसी भी वाहन को 15 वर्ष से अधिक चलाने के लिए आरटीओ की ओर से ग्रीन टैक्स प्रमाणपत्र लेना पड़ता है। जिसके बदले 3 से 5 हजार रुपए टैक्स राशि के रूप में भरे जाते है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो गाड़ी  को कबाड़ करने के लिए आरटीओ से ही अनुमति ली जाती है, लेकिन वर्तमान स्थिति में 1 लाख 25 हजार के करीब ऐसे वाहन हैं, जिनको 15 वर्ष से पहले खरीदा गया है, लेकिन अब तक इस संबंध में न तो ग्रीन टैक्स भरा है और न ही इसे कबाड़ कराने को लेकर वाहनधारक से कोई सूचना आई है।

गाड़ी कबाड़ होने की देनी पड़ती है सूचना
एक बार दुकान से खरीदी हुई गाड़ी 15 साल बाद कबाड़ की स्थिति में पहुंच जाती है। आरटीओ के नियमानुसार किसी भी वाहनधारक को गाड़ी को कबाड़ बनाने का अधिकार नहीं है। इसके लिए पहले आरटीओ अधिकारी से गाड़ी कबाड़ करने की अनुमति लेनी पड़ती है। जिसके बाद गाड़ी को कबाड़ माना जाता है। अन्यथा आरटीओ की ओर से गाड़ी पर प्रति वर्ष लगने वाला टैक्स कभी-भी वसूला जा सकता है। 

कितने व कौन से वाहन हैं आरटीओ रिकॉर्ड पर
आरटीओ रिकॉर्ड के अनुसार शहर आरटीओ में कुल 1 लाख 77 हजार 9 सौ 91 तथा पूर्व आरटीओ में 1 लाख 76 हजार 6 सौ 4 दुपहिया वाहन हैं। मोटर कार शहर में 1 लाख 96 हजार वहीं पूर्व में 21 हजार 7 सौ 94 हैं। शहर में कुल टैक्सी (कैब) 24 है। शहर में टूरिज्म टैक्सी 3 हजार 15, वहीं पूर्व में 1 हजार 6 सौ 74, शहर में ऑटोरिक्शा 4 हजार 8 सौ 74, पूर्व में 7 हजार 7 सौ 41, निजी रिक्शा शहर में 4 हजार 76, स्कूल बस 417  शहर में, पूर्व में 9 सौ 3 इस प्रकार कुल मिलाकर 15 लाख 20 हजार 188 वाहन हैं।
यह है नियम
 

Created On :   20 Sept 2017 8:28 PM IST

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