ओबीसी आरक्षण का श्रेय लेने में जुटा सत्ता पक्ष विपक्ष

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के ओबीसी आरक्षण को अनुमति दिए जाने के बाद महाराष्ट्र में शिंदे सरकार और पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के बीच श्रेय लेने की होड़ मच गई है। सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना के शिंदे गुट ने दावा किया है कि नई सरकार के प्रयासों के कारण ही ओबीसी आरक्षण बहाल हो सका है। जबकि विपक्षी दल राकांपा और कांग्रेस ने कहा है कि तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार की कोशिशों के चलते ओबीसी आरक्षण दोबारा मिल पाया है।
ओबीसी समाज के लिए शुभ है हमारी सरकार: शिंदे
बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नई सरकार ओबीसी समाज के लिए शुभ है। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने बांठिया आयोग की सिफारिशों को मंजूर करते हुए ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। शिंदे ने कहा कि राज्य में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति का विचार करते हुए राज्य चुनाव आयोग स्थानीय निकायों के चुनाव कराने के बारे में उचित फैसला करेगा।
ईमानदारी से काम नहीं कर रही थी ठाकरे सरकार: फडणवीस
जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के कुछ मंत्री ओबीसी आरक्षण के लिए ईमानदारी से काम कर रहे थे। लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार के रूप में ओबीसी आरक्षण के लिए गंभीर नहीं थी। यदि तत्कालीन सरकार ने प्रयास किया होता तो सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से चार महीने के भीतर आरक्षण बहाल हो जाता। लेकिन पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार 15 महीने तक केवल टाइमपास करती रही। फडणवीस ने कहा कि विपक्ष के नेता के रूप में मैंने एक आंदोलन के दौरान नागपुर में कहा था कि भाजपा की सरकार बनने पर मैं चार महीने के भीतर ओबीसी आरक्षण बहाल करा दुंगा। उस समय सोशल मीडिया पर मुझे ट्रोल किया गया था और तथाकथित विचारक मेरी और केंद्र सरकार की आलोचना कर रहे थे। परंतु मैंने उनकी आलोचना का जवाब अपने कार्य से दिया है। फडणवीस ने कहा कि आदिवासी बहुल तीन से चार जिलों में ओबीसी आरक्षण कम हो गया है। इस पर सभी दलों के साथ चर्चा करके सर्वसहमति से हल निकाला जाएगा।
बरसात बाद हो चुनाव
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बढ़े पैमाने पर बाढ़ की स्थिति है। ऐसे में राज्य चुनाव आयोग को बाढ़ और बारिश खत्म होने के बाद ही स्थानीय निकाय चुनाव कराना चाहिए। मुझे विश्वास है कि चुनाव आयोग बारिश की स्थिति पर विचार करके चुनाव कराने के बारे में उचित फैसला करेगा।
महाविकास आघाड़ी सरकार ने 99 प्रतिशत काम कर दिया था- भुजबल
दूसरी ओर राकांपा नेता व पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि ओबीसी समाज को दोबारा राजनीतिक आरक्षण मिल गया है। लेकिन ओबीसी आरक्षण के लिए पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार 99 प्रतिशत काम कर चुकी थी। राज्य की नई शिंदे सरकार ने केवल बांठिया आयोग की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया था। इसके लिए मैं शिंदे सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। भुजबल ने कहा कि आदिवासी बहुल कुछ जिलों में ओबीसी का आरक्षण एकदम कम हो गया है। उन जिलों में ओबीसी की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण बहाली के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य चुनाव आयोग तत्काल स्थानीय निकायों के चुनाव घोषित करें। जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार के कारण ही ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण का अधिकार मिल सका है। महाविकास आघाड़ी सरकार ने बांठिया आयोग गठित करके ओबीसी आरक्षण बहाली के लिए नींव मजबूत की थी। इसके जवाब में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि महाविकास आघाड़ी को ओबीसी आरक्षण बहाली के लिए श्रेय नहीं लेना चाहिए। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद महाविकास आघाड़ी सरकार ने ढाई साल तक ओबीसी का ट्रिपल टेस्ट पूरी नहीं कर पाई थी। राज्य की नई सरकार ने केवल 20 दिनों में ओबीसी आरक्षण बहाल करवा दिया है।
Created On :   20 July 2022 9:40 PM IST