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मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा - कर्जमाफी के लिए वचनबद्ध हूं, जानिए सावरकर के जवाब में भाजपा को घेरने की तैयारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कर्जमाफी पर विपक्ष को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि किसानों की कर्जमाफी के लिए हम वचनबद्ध है। हम जो बोलते है वो करते है और जो करते है वही बोलते है। हमें अपना वादा याद है आपको याद दिलाने की जरुरत नहीं है। वहीं नागरिकता संशोधन बिल पर बोलते हुए कहा कि लोगों को शिवसेना की भूमिका मालूम होना चाहिए कि शिवसेना के समर्थन को लेकर लोगों में भ्रम ना रहे। पाकिस्तान, बांग्लादेश के हिन्दू लोगों का हम समर्थन करते है लेकिन हमारी युति अखंड भारत की संकल्पना के साथ हुई थी और कर्नाटक में मराठी भाषी हिन्दूओं को लेकर भी केन्द्र सरकार को विचार करना चाहिए राज्य और केन्द्र में दोनों जगह सरकार उनकी है।
सावरकर के जवाब में भाजपा को घेरने की तैयारी
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान के बहाने शिवसेना को निशाना बनाने में जुटी भाजपा को घेरने के लिए सत्ता पक्ष ने भी तैयारी कर ली है। राकांपा, काँग्रेस व शिवसेना के विधायको ने अरब सागर में बनने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक निर्माण में घोटाले को लेकर सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (लक्ष्यवेधी सूचना) लाने की तैयारी की हैं। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के शुरुआत में ही भाजपा को शिवसेना को मुश्किल में डालने के लिए सावरकर का मुद्दा मिल गया है। शिवसेना हमेशा से वीर सावरकर की प्रबल समर्थक रही है पर कांग्रेस सांसद राहुल के बयान को लेकर कांग्रेस के साथ सरकार चला रही शिवसेना के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। भाजपा जानबूझ कर इस मसले पर शिवसेना को घेर रही।अब इसके जवाब में सत्ता पक्ष महाराष्ट्र के आराध्य छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक निर्माण में घोटाले के आरोप में भाजपा को घेरना चाहता है। विधानसभा चुनाव के ऐन पहले प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत और राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने अरब सागर में बनने वाले स्मारक में घोटाले का आरोप लगाया था। तब शिवसेना भाजपा के साथ थी। चुनाव बाद बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के साथ है। सोमवार को राकांपा विधायक मलिक ने कहा कि कैग की रिपोर्ट से मेरे आरोप सही साबित हुए हैं। विधानसभा चुनाव के पहले ही मैंने और कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने शिवाजी महाराज स्मारक में घोटाले का आरोप लगाया था। सूत्रों के अनुसार अब सत्ताधारी तीनो दलों के वरिष्ठ विधायक स्मारक घोटाले को लेकर सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करेंगे। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष मामले की जांच के आदेश दे सकते हैं। सत्ता पक्ष का मानना है कि इससे पूरा मामला सावरकर से शिवाजी महाराज स्मारक पर डायवर्ट हो जाएगा।
क्या है आरोप
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने स्मारक को लेकर पिछली फडणवीस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत के मुताबिक स्मारक के निर्माण के लिए साल 2017 में टेंडर जारी किया गया था। इसमें एल एंड टी कंपनी ने 3 हजार 826 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। टेंडर में शिवस्मारक की ऊंचाई कुल 121.2 मीटर तय की गई थी। जिसमें शिवाजी महाराज की प्रतिमा 83.2 मीटर ऊंची और तलवार की लंबाई 38 मीटर थी। लेकिन बाद में एल एंड टी से करार करते समय सीवीसी के नियमों का उल्लंघन किया गया। सरकार ने एल एंड टी से समझौता करके ठेके की राशि 2 हजार 500 करोड़ रुपए तक कम किया लेकिन प्रतिमा की संरचना में बदलाव कर दिया गया। शिव स्मारक की ऊंचाई कुल 121.2 मीटर रखी गई लेकिन प्रतिमा की ऊंचा कम कर 75.7 मीटर कर दी गई। जबकि तलवार की लंबाई बढ़ाकर 45.5 मीटर कर दिया गया। इसके अलावा स्मारक क्षेत्र को 15.6 हेक्टेयर से कम करके 12.8 हेक्टेयर कर दिया गया। दैनिक भास्कर से बातचीत में सावंत ने कहा कि हमने आरटीआई के माध्यम से जानकारी हासिल की है। कैग ने अप्रैल से मई 2019 के दौरान शिव स्मारक का ऑडिट कर इसकी रिपोर्ट अक्टूबर 2019 में पीडब्लुडी को सौंपा था। बगैर प्रशाकीय मान्यता के टेंडर निकाले गए यह बड़ी चूक है।
Created On :   16 Dec 2019 8:26 PM IST