फिर शुरू होगा शंकरपट ग्रामीण अंचल में खुशी की लहर

Rural economy positive effect - wave of happiness will start again in Shankarpat rural area
फिर शुरू होगा शंकरपट ग्रामीण अंचल में खुशी की लहर
ग्रामीण अर्थव्यवस्था सकारात्मक असर फिर शुरू होगा शंकरपट ग्रामीण अंचल में खुशी की लहर

डिजिटल डेस्क, भंडारा। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार,16 दिसंबर को बैल जोड़ियों की शंकरपट(दौड़) अर्थात शंकरपट को अनुमति दी गई है। न्यायालय के इस फैसले का जिले के किसानों समेत ग्रामीणों ने स्वागत किया है। बता दें कि ग्रामीण इलाकों में जनवरी से मई माह तक इन बैल जोड़ियों की दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता था। लेकिन लगभग एक दशक से बैल जोड़ियों की रेस पर प्रतिबंध लगा होने से जिन बैलों को शंकरपट में उतारा जाता था, उन्हे किसानों ने बेच दिया तो कुछ किसानों ने उनका पहले की तरह संगोपन करना बंद किया। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद किसानों व ग्रामीणों में उत्साह होकर फिर एक बार ग्रामीण इलाकों में बैलों की शंकरपट देखने मिलेगी। इस संदर्भ में पूर्व विदर्भ में बैल जोड़ियों की शंकरपट का आयोजन करने वाले तथा पट सम्राट कहे जानेवाले साकोली तहसील के जगत रहांगडाले ने दैनिक भास्कर को बताया कि जब न्यायालय ने बैलों की शंकरपट पर प्रतिबंध लगाया था, तो उन्होंने राज्य से सर्वप्रथम सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर इस प्रतिबंध को हटाने की मांग की थी। जिसके बाद पुणे के सांसद ने भी यह मुद्दा उठाया था। दौरान जानवरों के संरक्षण के लिए काम करने वाले पेटा संगठन ने विरोध किया था। जिसके चलते वर्षों तक मामला न्यायालय में लंबित रहा।

जिससे बैलों की रेस पर प्रतिबंध लगा रहा। रहांगडाले ने बताया कि पिछले दस सालों से जिले में बैलों की रेस अर्थात शंकरपट का आयोजन नहीं किया जा सका है। लेकिन अभी भी बैलों की दो जोड़ियां रेस के लिए तैयार रखी है। सर्वोच्च न्यायालय का भी निर्णय ऐसे समय आया है, जब जिले के ग्रामीण परिसर में बड़ी मात्रा बैल जोड़ियों की रेस का आयोजन किया जाता है। ऐसे में जल्द ही इसका फिर से आयोजन किया जाएगा। 

जल्द होंगे आयोजन : बैलों जोड़ियों की शंकरपटको अनुमति मिली तो गांव-गांव में इन शंकरपट का आयोजन किया जाएगा। साथ ही ऐसे आयोजन के समय ग्राम में बड़ा मेला लगता था। बाजार लगने से स्थानीय व्यवसायियों को भी रोजगार मिलता था। ऐसे में गांव की अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा असर पड़ता है। दौरान आदेश का सख्ती से पालन करना होगा।

नियमों का सख्ती से करना होगा पालन

 जगत रहांगडाले, पट सम्राट, साकोली के मुताबिक किसानों को खेती काम के लिए बैलों की जरूरत होती है। इस लिए किसान पहले से बैलों को अपने साथ रखता आया है। प्रतिबंध नहीं था तो रेस के लिए बैल तैयार किए जाते थे। उनके खानपान से लेकर हर सुविधा का ध्यान दिया जाता था। पर न्यायालय का प्रतिबंध लगा तो यह सब बंद हुआ। अब तो अनेक गांव के रेस के लिए बनाए हुए मैदान भी खराब हो चुके हंै। इन्हे फिर से बनाना होगा। न्यायालय के नियमों का पालन करते हुए बैलों की शंकरपट का आयोजन करेंगे।  

     
 

Created On :   17 Dec 2021 7:36 PM IST

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