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कोरोना बढ़ने का खतरा : महाराष्ट्र सहित देश के 122 प्रदूषित शहरों में पटाखों की बिक्री पर लग सकती है रोक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सर्दी बढ़ने के साथ ही कोरोना का खतरा बढ़ने के मद्देनजर वातावरण को प्रदूषण रहित रखने की जरुरत है। इस बार पटाखा मुक्त दिपावली मनाने के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने सहमति दी है। गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली और पश्चिम बंगाल सरकार ने पटाखे पर प्रतिबंध लगा दिया है। महाराष्ट्र में भी हम अपील कर रहे हैं कि लोग बिना पटाखे के दीवाली मनाएं। इस संबंध में उन्होंने टास्क फोर्स समिति में प्रस्ताव रखा था कि इस साल पटाखे बिना लोग दीवाली त्योहार मनाए जिसे टास्क फोर्स ने सर्वसम्मति से मंजूर किया। यही प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने मंत्रिमंडल की बैठक में रखा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कैबिनेट में उनके प्रस्ताव का मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित लगभग सभी मंत्रियों ने स्वागत किया। मंत्रिमंडल ने लोगों से अपील की है कि इस बार वे दीवाली बगैर पटाखे के मनाए।हालांकि पटाखों पर पाबंदी के सवाल पर स्वस्थ्य मंत्री ने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री निर्णय लेंगे।
देश के 122 प्रदूषित शहरों में पटाखों की बिक्री पर लग सकती है रोक
खबर नई दिल्ली से, कोरोना महामारी का प्रकोप अभी कम नहीं हुआ है। ऐसे में दिवाली के दौरान फोड़े जाने वाले पटाखों से निकलने वाली गैस, आवाज और धुआं जहां बीमार व्यक्तियों, बुजुर्गों की दिक्कत बढ़ा सकता है, वहीं इससे वायु प्रदूषण में भी इजाफा हो सकता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए ओडिशा, राजस्थान राज्य सरकारों की तर्ज पर 122 प्रदूषित शहरों के 18 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में भी पटाखों की बिक्री पर रोक लग सकती है। दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने वायु प्रदूषण से कोरोना का प्रकोप और भी बढ़ने के अंदेशे को भांपते हुए पूर्व में पहचाने जा चुके 122 प्रदूषित शहरों के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्या वे भी उक्त राज्यों जैसा पटाखों पर बैन को लेकर कोई आदेश जारी किया है। गुरुवार को इस मसले पर हुई सुनवाई के दौरान एनजीटी ने राज्यों से इस संबंध में मिले जवाब पर गौर किया और मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए सुनवाई 9 नवंबर को मुकर्रर कर दी। संज्ञान मामले में सुनवाई करते हुए 122 प्रदूषित शहरों को लेकर अपनी टिप्पणी में कहा कि ओडिशा और राजस्थान की तर्ज पर देश के 122 प्रदूषित शहरों में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के जिरिए रिकॉर्ड की जाने वाली वायु गुणवत्ता सामान्य तौर पर अपने मानकों से अधिक है। ऐसे में जरुरत है कि पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध का दायरा दिल्ली-एनसीआर से बाहर के इन प्रदूषित शहरों पर भी लागू होना चाहिए
जलवायु परिवर्तन पर निजी क्षेत्र की घोषणा एक ऐतिहासिक कदम : जावड़ेकर
केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि भारत पेरिस समझौते पर अपनी प्रतिबद्धताओं का पूरा करने की दिशा में अग्रसर है और अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत उन देशों में शामिल है, जो 2 डिग्री के सिद्धांत का अनुसरण करते हैं। जलवायु परिवर्तन विषय पर वर्चुअल भारत सीईओ फोरम में उद्योग जगत की 24 अग्रणी हस्तियों द्वारा हस्ताक्षरित तथा पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा जलवायु परिवर्तन पर एक घोषणा जारी करते हुए जावडेकर ने कहा कि निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा यह घोषणा एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने में न केवल सरकारी स्तर पर बल्कि निजी स्तर पर भी कई निर्णायक कदम उठाए गए हैं, जो हमारी प्रतिबद्धता और संकल्प को दर्शाता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया कहती है और कई चीजों का प्रचार करती है, लेकिन व्यवहार में लाना ज्यादा मुश्किल काम है। उन्होने उद्योग जगत को सुझाव दिया कि वे इसे लागू करें और सरकार को बताएं कि वे क्या कदम और पहल कर रहे हैं, जो कि कार्बन से मुक्ति की ओर ले जा रहे हैं। इस आयोजन में टाटा, रिलायंस, अडानी समूह, महिंद्रा, सन फार्मा, डॉ रेड्डी जैसे प्रमुख उद्योगों के प्रमुखों विभिन्न स्वच्छ प्रक्रियाओं और पहलों के बारे मं चर्चा की और वर्ष 2020 के बाद कार्बन से अधिकाधिक मुक्ति के बारे में बताया।
देश के कृषि क्षेत्र का विकास-यंत्र बन चुका है बागवानी : तोमर
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि बागवानी क्षेत्र तेजी से फल-फूल रहा है और देश के कृषि क्षेत्र का यह विकास-यंत्र बन चुका है। उन्होने कहा कि वर्ष 2019-20 में भारत ने 319.57 मिलियन टन बागवानी उत्पादन किया है जो अब तक का रिकार्ड है। तोमर ने ये बातें गुरूवार को वीडिया कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केरल के वायनाड जिले के अम्बालावयाल स्थित क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केन्द्र परिसर में सब्जियों एवं फूलों के उत्कृष्टता केन्द्र का शुभारंभ करते हुए कही। इस मौके पर केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन प्रमुखता से मौजूद थे। कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2019-20 में देश में फल उत्पादन 100.45 मिलियन टन व सब्जी उत्पादन 185.88 मिलियन टन हुआ। भारत 3.89 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र से 9.21 मिलियन टन मसालों का निर्यात किया है। भारत मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक है। श्री तोमर ने कहा कि बागवानी उत्पादों की बढ़ती मांग के साथ ही गति बनाए रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि संरक्षित कृषि के माध्यम से उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाया जाए और उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री का उपयोग किया जाए।
Created On :   5 Nov 2020 8:46 PM IST