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जाति पड़ताल समिति ने माना हिन्दू दलित हैं समीर वानखेडे, मलिक ने लगाया था आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन को ड्रग्स प्रकरण में गिरफ्तार करने के बाद विवादों में घिरने वाले नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेडे को जाति पड़ताल कमेटी ने बड़ी राहत दी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री नवाब मलिक व अन्य ने वानखेडे के खिलाफ जाति पड़ताल कमेटी के पास शिकायत की थी। शिकायत में मलिक ने दावा किया था कि वानखेडे जन्म से मुस्लिम हैं और सरकारी नौकरी पाने के लिए वानखेडे ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है। किंतु मामले से जुड़े सारे दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद कमेटी ने भारतीय राजस्व सेवा के (आईआरएस) अधिकारी वानखेडे व उनके पिता को महार अनुसूचित जाति (हिन्दू) का पाया है।
तीन सदस्यीय जाति पड़ताल कमेटी ने 12 अगस्त को जारी किए गए आदेश में कहा है कि वानखेडे जन्म से मुस्लिम नहीं हैं। आदेश के अनुसार वानखेडे व उनके पिता ज्ञानदेव ने हिंदु धर्म का त्याग करके इस्लाम धर्म को अपनाया था लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं कि पंरपरागत तरीके से इस्लाम को स्वीकार किया गया था और इस्लाम को अपनाने से जुड़ी सारी प्रक्रिया का पालन किया गया था। दस्तावेजों की पड़ताल के बाद वानखेडे व उनके पिता अनुसूचित जाति (एससी) पाए गए हैं। लिहाजा वानखेडे की जाति को लेकर राकांपा नेता मलिक, मनोज संसारे, अशोक कांबले व संजय कांबले की ओर से शिकायत में किए गए दावे आधारहीन नजर आ रहे हैं। इसलिए शिकायतों को खारिज किया जाता है।
वहीं जाति पड़ताल कमेटी की ओर से पारित किए गए आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए आईआरएस अधिकारी वानखेडे ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। मुझे न्यायपालिका व महाराष्ट्र सरकार पर पूरा विश्वास है। गौरतलब है कि राकांपा नेता मलिक ने दावा किया था कि सरकारी नौकरी में एससी कोटे का लाभ पाने के लिए वानखेडे खुद को अनुसूचित जाति का बताया। मलिक ने वानखेडे की जाति को मुंबई के ओशिवरा कब्रिस्तान के क्लर्क की ओर से जारी एक प्रमाणपत्र को सार्वजनिक किया था। यह प्रमाणपत्र वानखेडे की मां जहीदा बानो को लेकर जारी किया गया था। जिसमें वानखेडे की मां को मुस्लिम बताया गया था।
बता दें कि मलिक फिलहाल मनीलांड्रिंग के आरोप में न्यायिक हिरासत में है। जबकि वानखेडे को चेन्नई में टैक्स पेयर सर्विसेस के महानिदेशालय में तैनात किया गया है। वानखेडे की जाति को लेकर कमेटी के पास शिकायत करनेवाले अशोक कांबले के वकील नीतिन सातपुते ने कहा कि कमेटी के फैसले को बांबे हाईकोर्ट में चुनौती देने का विकल्प है। उन्होंने कहा वानखेडे की जाति को लेकर पहले ही हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। हम उस याचिका के साथ कमेटी के नए फैसले को जोड़कर उसे चुनौती देंगे और कोर्ट से आग्रह करेंगे कि कमेटी के फैसले को कानूनी की कसौटी पर परखे।
Created On :   13 Aug 2022 5:47 PM IST