संजय राऊत ने कहा - बालासाहब ठाकरे के तैलचित्र का अनावरण राजनीतिक कार्यक्रम

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के तैलचित्र अनावरण समारोह को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। बालासाहेब की जयंती पर सोमवार शाम को विधानभवन के सेंट्रल हॉल में तैलचित्र का अनावरण होगा। लेकिन शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राऊत ने अनावरण समारोह को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। राऊत ने अनावरण समारोह को राजनीति कार्यक्रम बताया है। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने राऊत को पलटकर जवाब दिया है। विधानमंडल सचिवालय ने तैलचित्र अनावरण समारोह में शामिल होने के लिए बालासाहेब के बेटे तथा शिवसेना पक्ष प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी आमंत्रित किया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार उद्धव तैलचित्र अनावरण समारोह में शामिल नहीं होंगे। रविवार को पत्रकारों से बातचीत में राऊत ने कहा कि बालासाहेब का तैलचित्र अनावरण समारोह एक राजनीति कार्यक्रम है। इसलिए उस बारे में कुछ न बोलना ही अच्छा है। राऊत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बैगर कहा कि जो लोग खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदमी बताते हैं। उन्हीं लोगों ने अपने राजनीतिक स्वास्थ्य के लिए समारोह का आयोजन किया है। चूंकि बालासाहेब के तैलचित्र का अनावरण होने वाला है। इसलिए उस पर ज्यादा टीका-टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। वहीं विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि राऊत का विधानमंडल की ओर से आयोजित समारोह को राजनीतिक रंग देना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे विधानमंडल की गरिमा कम होती है। राऊत का इस तरीके का बयान उचित नहीं है। नार्वेकर ने कहा कि मैंने खुद समारोह में आने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव को फोन पर आमंत्रित किया है। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को भी बुलाया गया है। इसके साथ ही विधानमंडल सचिवालय के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत ने ठाकरे परिवार के सभी सदस्यों को समारोह का निमंत्रण पत्रिका दिया है। इसलिए मुझे उम्मीद है कि समारोह में सभी आमंत्रित लोग आएंगे।
तैलचित्र अनावरण करने वाले लोगों के मन में गद्दारी की भावना होगी- आदित्य ठाकरे
औरंगाबाद में शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा। आदित्य ने मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना कहा कि बालासाहेब के तैलचित्र अनावरण करने वाले लोगों के मन में गद्दारी और डर की भावना होगी। जिस कारण ही वे लोग शिवसेना से बगावत करने के बाद सूरत और गुवाहाटी गए थे। ऐसे लोगों ने खुद की राक्षसी महत्वकांक्षा के लिए महाराष्ट्र का क्या करके रखा है। यह उनकी आंखों के सामने आना चाहिए।
Created On :   22 Jan 2023 8:46 PM IST