सतपुड़ा फाउंडेशन का अभियान, कीटनाशक मुक्त खेती का कर रहे प्रचार

Satpura Foundations campaign for pesticide-free farming
सतपुड़ा फाउंडेशन का अभियान, कीटनाशक मुक्त खेती का कर रहे प्रचार
सतपुड़ा फाउंडेशन का अभियान, कीटनाशक मुक्त खेती का कर रहे प्रचार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन्यजीवों व फसलों की सुरक्षा के लिए कीटनाशक मुक्त खेती करने जनजागरण अभियान चलाने का बीड़ा सतपुड़ा फाउंडेशन ने उठाया है।  कीटनाशक छिड़काव वाले खेतों के वन्यजीवों के संपर्क में आने से  पैदा होने वाले खतरों को कम करने के उद्देश्य से सतपुड़ा फाउंडेशन  की टीम इन दिनों विदर्भ में जुटी हुई है। पेंच-बोर टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाले प्राकृतिक मार्ग(नेचुरल कॉरिडोर) के आस-पास की जाने वाली खेती-बागबानी को कीटनाशकों से मुक्त करने के लिए प्रचार अभियान फाउंडेशन ने चला रखा है। 

दिया जा रहा प्रशिक्षण : फाउंडेशन की ओर से कुछ खेतों और बगीचों को कीटनाशक मुक्त किसानी के प्रशिक्षण के लिए चिह्नित किया गया है। यहां कार्यशाला के माध्यम से किसानों को जानकारी देकर प्रशिक्षित किया जाएगा। शनिवार को जिले के सावनेर तहसील में अरविंद ऑर्गेनिक फार्म में इससे संबंधित कार्यक्रम भी लिया गया। सतपुड़ा फाउंडेशन ऐसे दो कॉरिडोर के 12 गांवों में इस तरह प्रचार कर रही है। इनमें से चार गांव पेंच-बोर कॉरिडोर का हिस्सा है। फाउंडेशन की ओर से चुने गए 20 किसानों को इसका प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का मार्गदर्शन जैविक खेती विशेषज्ञ राहुत सातपुते, प्रवीण वानखेड़े ने किया। इस दौरान पूर्व विधायक अरविंद देशमुख ने भी किसानों से संवाद साथा।   

जैविक खेती पर दिया जा रहा जोर: कार्यक्रम में किसानों के चयन के लिए सतपुड़ा फाउंडेशन के सहायक निदेशक अभिजीत दत्ता, संरक्षण अधिकारी मंदार पिंगले, समुदाय अधिकारी नीलेश तेलंग और दिलीप लांजेवार ने प्रयास किया। फाउंडेशन अध्यक्ष किशोर रिठे ने कहा कि, बागबानी से जुड़े किसान जिनके खेत जंगल से सटे इलाकों में हैं और वह वन्यजीवों के इलाकों में आती है। वे ज्यादा बेहतर ढंग से जैविक खेती के महत्व को समझ सकेंगे। किसानों के प्रशिक्षण के बाद टीम आगामी महीने में कार्य करेगी। इसी तरह के कार्यक्रम नवेगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र से लगने वाले कृषि क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। 

Created On :   27 Nov 2017 10:24 AM GMT

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