सात बार सांसद- झारखंड और त्रिपुरा के भी राज्यपाल रह चुके हैं महाराष्ट्र के नए महामहिम    

Seven-time MP Governor of Jharkhand and Tripura, the new Excellency of Maharashtra
सात बार सांसद- झारखंड और त्रिपुरा के भी राज्यपाल रह चुके हैं महाराष्ट्र के नए महामहिम    
खास बात सात बार सांसद- झारखंड और त्रिपुरा के भी राज्यपाल रह चुके हैं महाराष्ट्र के नए महामहिम    

-     रमेश बैस को पांच दशक का लंबा अनुभव 
-    मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रायपुर के हैं राज्यपाल  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस को लगभग पांच दशक का संसदीय राजनीति, समाज सेवा और पार्टी संगठन के कार्य का लंबा अनुभव है। बैस नगरसेवक से लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वे त्रिपुरा, झारखंड के बाद अब तीसरे प्रदेश महाराष्ट्र के राज्यपाल बने हैं। बैस का जन्म 2 अगस्त 1947 को छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ है। उनकी शिक्षा भी रायपुर में ही हुई है। बैस सक्रिय राजनीति में आने के बाद साल 1978 में पहली बार रायपुर महानगर पालिका के नगरसेवक निर्वाचित हुए। फिर साल 1980 से 1985 की अवधि में मध्य प्रदेश के विधान परिषद सदस्य थे। साल 1982 से साल 1988 के बीच मध्यप्रदेश भाजपा के प्रदेश सचिव थे। बैस ने साल 1989 में रायपुर सीट से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता। इसके बाद वे सात बार सांसद चुने गए। बैस साल 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में इस्पात और खान मंत्रालय के राज्य मंत्री बने। वे साल 1999 से 2004 के दौरान पहले रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री थे। फिर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के राज्य मंत्री रहे। इस बीच साल 2003 में बैस को खान मंत्रालय में राज्य मंत्री पद का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया था। इसके बाद वे कुछ समय तक केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। बैस साल 2009 से साल 2014 तक लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक थे। साल 2019 में बैस की राज्यपाल के रूप में नियुक्ति की गई। वे 29 जुलाई 2019 से 13 जुलाई 2021 के बीच त्रिपुरा के राज्यपाल थे। उसके बाद 14 जुलाई 2021 को झारखंड के राज्यपाल बने। अब बैस ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में पद ग्रहण किया है। 

झारखंड की सरकार के साथ हुआ था टकराव 

महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस इसके पहले झारखंड के राज्यपाल थे। बैस का राज्यपाल के रूप में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार से लगातार टकराव हुआ था। झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन के लाभ के पद और कई विधेयकों को लौटाने को लेकर सरकार और राज्यपाल के बीच स्पष्ट मतभेद दिखे थे। झारखंड में सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने बैस पर सोरेन सरकार को अस्थिर करने का आरोप भी लगाया था। इसको लेकर सत्तारूढ़ और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप भी हुआ था। 

सिद्धिविनायक मंदिर में पहुंचे राज्यपाल

शपथग्रहण के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने शनिवार को दादर स्थित सिद्धिविनायक मंदिर में परिवार के सदस्यों के साथ जाकर दर्शन किया। इसके बाद राज्यपाल ने महालक्ष्मी मंदिर में भी गए। जहां पर उन्होंने परिवार के साथ दर्शन किया। 
 

Created On :   18 Feb 2023 9:02 PM IST

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