वेंटिलेटर ठीक करने शहडोल नहीं पहुंचे इंजीनियर, कटनी में सात माह से कमरे में कैद 

Shahdol did not reach the engineer to fix ventilator, he was imprisoned in the room for seven months in Katni
वेंटिलेटर ठीक करने शहडोल नहीं पहुंचे इंजीनियर, कटनी में सात माह से कमरे में कैद 
वेंटिलेटर ठीक करने शहडोल नहीं पहुंचे इंजीनियर, कटनी में सात माह से कमरे में कैद 

शहडोल मेडिकल को 24 वेंटिलेटर पीएम केयर फंड से मिले थे, एक भी नहीं कर रहा काम 
पीएम केयर फंड से मिले खराब वेंटिलेटर का मामला
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
राजधानी भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल में गत दिनों पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर से मरीज की मौत का मामला सभी के जेहन में है। अब शासकीय मेडिकल कॉलेज शहडोल को पीएम केयर फंड से मिले 24 वेंटिलेटर में एक के भी काम नहीं करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आलम यह है कि कोरोना संक्रमण काल में चिकित्साधिकारियों के बुलावे पर भी कंपनी के इंजीनियर शहडोल नहीं पहुंचे। कुछ ऐसा ही हाल कटनी के स्वास्थ्य अधिकारियों का है, जहां 7 माह पहले पीएम केयर फंड से मिले दो वेंटिलेटर को इंस्टॉल नहीं कराया जा सका। स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है, कंपनी अधिकारियों को कॉल कर बुलाया है।  बताया गया है कि शहडोल मेडिकल कॉलेज में 47 वेंटिलेटर हैं। इनमें 22 वेंटिलेटर व 1 पोर्टेबल वेंटिलेटर की सप्लाई मेडिकल कॉलेज को हाइट्स से हुई है। कोविड के गंभीर मरीजों का इलाज इन्हीं से हो रहा है। वहीं, 24 वेंटिलेटर पीएम केयर फंड से मिले हैं। इनमें 14 सामान्य, 10 एजीवीए (वॉल्यूम प्रेशर वाला) वेंटिलेटर हैं। पीएम केयर से मिले सभी वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने बताया, 14 सामान्य वेंटिलेटर में एफआईओटू (फ्रेक्शन ऑफ इंस्पायर्ड ऑक्सीजन) प्रदर्शित नहीं होता और सेंसर चेक बार-बार बताता है। वहीं, एजीवीए वेंटिलेटर चलते-चलते बंद होते हैं। केंद्र सरकार की बीईएल के माध्यम से इन वेंटिलेटर की सप्लाई 2020 में जुलाई से दिसंबर के बीच हुई थी। कॉलेज के अधिकृत सूत्रों की मानें तो प्रबंधन की ओर से संबंधित कंपनी के इंजीनियरों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। इंजीनियरों ने ऑनलाइन कुछ सुझाव भी दिए हैं, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। बुलावे पर अभी तक कंपनी के इंजीनियर शहडोल मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचे। इस सप्ताह इंजीनियरों के पहुंचने की उम्मीद है। 
कटनी में नहीं हो सके इंस्टॉल 
संक्रमण काल में पीएम केयर फंड से मिले 2 वेंटिलेटर का लाभ मरीजों को नहीं मिला। वजह इंजीनियरों के नहीं पहुंचने से ये इंस्टॉल ही नहीं हो सके। अक्टूबर 2020 में मिले वेंटिलेटर को लेकर कंपनी एवं सीएमएचओ कार्यालय के बीच पत्राचार का खेल अप्रैल व मई में मरीजों के लिए जानलेवा साबित हुआ। मई में जब जनप्रतिनिधियों ने मशीन की खोज-खबर ली तो पाया कि 7 माह से कमरे में ही वेंटिलेटर कैद हैं। 
उमरिया: विशेषज्ञ के अभाव में चालू ही नहीं हुए   
उमरिया जिला अस्पताल को 2020 में कोरोना त्रासदी को देखते पीएम केयर फंड से 2 वेंटिलेटर मिले थे। सालभर बाद भी इन्हें चालू नहीं किया जा सका। इसके पीछे अस्पताल का तर्क है कि ऑपरेट करने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक उमरिया में नहीं है। नर्सिंग स्टॉफ की पदस्थापना आज तक नहीं हो पाई।
 

Created On :   14 May 2021 5:59 PM IST

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