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श्री गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी पर्व याद दिलाता सीख- जुल्म का मुकाबला सब्र से करें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। श्री गुरु तेग बहादुर जी ने बुराई का त्याग कर काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार पर विजय पाने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जुल्म का मुकाबला सब्र से करना चाहिए। यह बात कथावाचक ज्ञानी सरबजीत सिंह (श्री आनंदपुर साहेब वाले) ने श्री गुरु तेग बहादुर के 345वें शहीदी दिवस पर बुद्धनगर स्थित गुरुद्वारा श्री कलगीधर दरबार में आयोजित कार्यक्रम में कही। शहीदी दिवस के अवसर पर कथा-कीर्तन से संगत निहाल हो गई।
शहीदी दिवस का शुभारंभ शुक्रवार की शाम पाठ श्री रहेरास साहेब से हुआ। कथावाचक ज्ञानी सरबजीत सिंह ने गुरु तेगबहादुर की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि गुरुजी ने जुल्म के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपनी कुर्बानी दी।
तत्कालीन मुगल शासक औरंगजेब द्वारा हिंदुओं पर जुल्म किया जा रहा था। इस दौरान कश्मीरी पंडित नंदपुर साहब में विराजित गुरु तेग बहादुर के पास पहुंचे और औरंगजेब के जुल्म से रक्षा की गुहार लगाई। औरंगजेब ने गुरुजी के समक्ष अपना धर्म छोड़ कर मुस्लिम धर्म अपनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे गुरुजी ने ठुकरा दिया। इससे क्रोधित औरंगजेब ने दिल्ली के चांदनी चौक में गुरुजी का शीश धड़ से अलग करने के आदेश दिए, लेकिन गुरुजी औरंगजेब के सामने नहीं झुके। नतीजतन गुरुजी का शीश कलम कर दिया गया। गुरुजी के इस शहादत की याद मंे शहीदी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर कीर्तन जत्था भाई गोपाल सिंह और भाई जगतार सिंह ने कीर्तन प्रस्तुत किया।
Created On :   20 Dec 2020 5:02 PM IST