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यहां भगवान महादेव संग होली खेलते है शिवभक्त, उमड़ता ही लोगों की भीड़
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/जुन्नारदेव। पहाड़ों की रानी पचमढ़ी के शिखर पर स्थापित चौरागढ़ में होलिका दहन की मध्यरात्रि से शिवभक्तों की चहलपहल शुरू हो जाती है। सूर्य उदय होते ही यहां महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के अंचल से आए शिवभक्त भगवान महादेव को रंग गुलाल लगाकर धुरेंडी पर्व मनाते हैं। समुद्र तल से करीब 4200 फीट की ऊंचाई पर स्थित चौरागढ़ शिव मंदिर तक भक्त 325 सीढिय़ां चढ़कर पहुंचते हंै।
चौरागढ़ महादेव में शिवरात्रि और नागपंचमी पर बड़े मेले लगते हैं लेकिन शिवरात्रि के एक माह बाद होली के दिन भी सैकड़ों शिवभक्त यहां धुरेंडी मनाने आते हैं। ये भक्त भगवान महादेव को गुलाल अर्पित कर पर्वत पर ही होली खेलते हंै। सोमवार की सुबह से देवनगरी पहली पायरी से महाराष्ट्र के श्रृद्धालुगण चौरागढ़ पर्वत के लिए रवाना हुए। महाराष्ट्र के वणी से आए तुकाराम कहते हैं कि महाराष्ट्र में भगवान महादेव शंकर के भक्तों की संख्या ज्यादा है। हर साल बड़ी संख्या में मराठी भाषी शिवभक्त महादेव और नागद्वार की यात्रा में पहुंचते हैं। जिन शिवभक्तों की मन्नत रहती है, वे होली के दिन चौरागढ़ पर्वत पर पहुंचकर महादेव शंकर को गुलाल अर्पित कर होली मनाते हैं।
भगवान महादेव को बहनोई मानते हैं भक्त
धुरेंडी पर्व पर भगवान महादेव को रंग गुलाल लगाने की परंपरा को लेकर कई तरह की किवदंतियां प्रचलित हैं। भक्तों के अनुसार होली पर्व पर वे भगवान महादेव को बहनोई मानकर गुलाल लगाने जाते हैं। माता पार्वती ने महाराष्ट्र में एक बार मैना गौंडनी का रूप धारण किया था। महाराष्ट्र के भक्त माता पार्वती को बहन और भगवान महादेव को बहनोई मानते हैं। शिवभक्त ग्रामीण परंपरा का निर्वहन करने अपने बहनोई स्वरूप भगवान महादेव को रंग गुलाल अर्पित करते हैं।
Created On :   9 March 2020 3:23 PM GMT