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शिवाजी स्मारक मामला : कांग्रेस-राकांपा ने पीडब्लूडी मंत्री पाटील को दी खुली बहस की चुनौती

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अरब सागर में प्रस्तावित छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सार्वजनिक निर्माणकार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील की सफाई विपक्ष को रास नहीं आ रही है। जवाब से असंतुष्ट महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत और राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने पाटील को खुली बहस की चुनौती दी है। मंगलवार को एक बयान जारी कर दोनों नेताओं ने कहा कि पाटील किसी भी सार्वजनिक जगह का चुनाव कर इस मुद्दे पर उनके सामने चर्चा कर लें जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
सावंत ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक में भ्रष्टाचार का हमने सबूतों के साथ खुलासा किया है। स्मारक परियोजना के अध्यक्ष विनायक मेटे ने भी भ्रष्टाचार की जानकारी देते हुए जांच की मांग की थी। इसके बावजूद सरकार इस मामले में टालमटोल कर रही है। अगर सरकार में लोगों के मन में उठ रहे सवालों के जवाब देने की हिम्मत है तो इस मुद्दे पर खुली चर्चा करे। वहीं मलिक ने कहा कि पाटील मामले में हवाहवाई जवाब दे रहे हैं लेकिन हम उनके मनपसंद मंच पर इस मुद्दे पर खुली चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले में हुए भ्रष्टाचार को ढकने के लिए झूठे जवाब दिए जा रहे हैं।
बता दें कि स्मारक के निर्माण में 1 हजार करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के कांग्रेस और राकांपा के आरोपों के जवाब में पाटील ने सोमवार को कहा था कि सत्ता में वापसी के लिए दोनों पार्टियों ने साल 1999 में स्मारक की घोषणा की थी लेकिन 15 साल तक इस पर अमल नहीं किया। अब जब भाजपा सरकार तेजी से काम कर रही है तो कार्यवाही में कमियां नहीं निकाली जानी चाहिए। पाटील के मुताबिक यह विशिष्ट परियोजना है इसलिए परियोजना रिपोर्ट के लिए टेंडर मंगाए गए थे। 2692.50 करोड़ रुपए को आधारभूत कीमत बताना ही गलत है। पाटील के मुताबिक एल एंड टी के अब तक सरकार ने एक रूपया भी नहीं दिया है साथ ही मेटे के सवालों के जवाब भी दे दिए गए हैं जिससे वे संतुष्ट हैं।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।