शिवसेना ने संसद में उठाया कुष्ठरोगियों के आधार कार्ड का मसला

Shivsena raised the issues of Aadhar cards of lepers in Parliament
शिवसेना ने संसद में उठाया कुष्ठरोगियों के आधार कार्ड का मसला
शिवसेना ने संसद में उठाया कुष्ठरोगियों के आधार कार्ड का मसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना सांसद श्रीरंग अप्पा बारणे ने कुष्ठ रोगियों का आधार कार्ड बनने में आ रही दिक्कत का मसला लोकसभा में उठाया। उन्होने मांग की है कि सरकार इस संबंध में जरूरी दिशानिर्देश जारी करे ताकि कुष्ठ रोगियाों का भी आधार कार्ड बन सके। उन्होने यह मसला लोकसभा में विशेष उल्लेख के तहत उठाया। बारणे ने बताया कि दुनिया में दो लाख से अधिक लोग कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं। दुनिया के कुल रोगियों में से 60 प्रतिशत केवल भारत में ऐसे रोगी हैं। उन्होने कहा कि आधार कार्ड के लिए हाथ की उंगलियों और अंगूठे का निशान आवश्यक है। इसके बिना आधार कार्ड बनाने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में कुष्ठ रोगी आधार कार्ड बनाने में असमर्थ हैं। कुष्ठ रोगियों के संबंध में केन्द्र की ओर से कोई दिशानिर्देश नहीं है। ऐसे में आधार कार्ड के बिना राशन, स्वास्थ्य और आवास जैसी तमाम बुनियादी सुविधाओं से लाखों कुष्ठ रोगी वंचित रहते हैं। उन्हें जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि इस संबंध में जरूरी दिशानिर्देश जारी किया जाए ताकि कुष्ठरोगियों का भी आधार कार्ड बन सके।

नंदुरबार जिले में कुपोषण के स्तर में आयी कमी

उधर, देश के सबसे पिछड़े जिलों द्वारा सामाजिक और आर्थिक प्रगति के बुनियादी मानको को तहत विकास के क्षेत्र में कुल मिलाकर उत्कृष्ठ कार्य करने वाले जिलों की नीति आयोग ने गुरुवार को रैंकिंग घोषित की। इसमें स्वास्थ्य और पोषण में महाराष्ट्र के आकांक्षी जिलों की सूची में शुमार नंदुरबार ने इस श्रेणी में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले टॉप 12 जिलों में स्थान हासिल किया है। विकास आकांक्षी जिलों के बारे में नीति आयोग की यह सूची डेल्टा रैंकिंग के नाम से जारी की जाती है और यह इसका दूसरा संस्करण है। डेल्टा रैंकिंग के तहत 1 जून 2018 से 31 अक्टूबर 2018 के बीच विकास की आकांक्षा रखने वाले 111 जिलों की विकास के छह पैमानों पर की गई प्रगति आंकी गई। विकास के मानदंडों में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तिय समावेश, कौशल विकास और बुनियादी ढांचा शामिल है।

आकांशी जिलों की सूची में राज्य के चार जिले गडचिरोली, नंदुरबार, उस्मानाबाद और वाशिम को शामिल किया गया था। सभी छह प्रमुख विकास क्षेत्रों में इन जिलों की कुल प्रगति के बारे में दी गई रैंकिंग में गडचिरोली 33वें, नंदुरबार 84, उस्मानाबाद 32 और वाशिम को 69वां स्थान मिला है। स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में 5 साल की आयु तक के बच्चों में कुपोषण का स्तर कम करने वाले 12 आकांक्षी जिलों में केवल नंदुरबार ही जगह बना पाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस व र्ष जनवरी में आकांक्षी जिला कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। इसका उद्देश प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों में तुलनात्मक रुप से कम प्रगति करने वाले जिलों में तेजी से बदलाव लाना है। 

Created On :   27 Dec 2018 3:48 PM GMT

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