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आघाडी सरकार में सभी दलों के विधायकों की एक जैसी हालत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना विधायकों की बगावत के बाद महाविकास आघाडी सरकार के सहयोगी दलों की भी नाराजगी सामाने आने लगी है। सरकार को समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख के मुताबिक महाविकास आघाडी सरकार में शिवसेना ही नहीं सभी पार्टियों के विधायकों को दरकिनार कर दिया गया था। जो मंत्री नहीं थे उनके लिए हालात बेहद मुश्किल हो गए थे। शिवसेना विधायकों की नाराजगी भांपने में नाकाम रही। शेख ने कहा कि जो लोग मौजूदा हालात के लिए प्रवर्तन निदेशालय के डर या हिंदुत्व की विचारधारा के जिम्मेदार होने की बात कर रहे हैं वे दिन में सपने देख रहे हैं और उन्हें हकीकत का अंदाजा नहीं है। शेख के मुताबिक 11 दलों के गठबंधन वाली महाविकास आघाडी का हिस्सा होना बेहद चुनौती भरा था क्योंकि पार्टियों के बीच वैचारिक मतभेद थे। हालांकि सबको साथ लेकर चलने के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया गया था लेकिन सरकार जैसे जैसे आगे बढ़ी यह पीछे छूटता गया और इसी वजह से परेशानियां शुरू हुईं। पत्रकारों से बातचीत में भिवंडी (पूर्व) के विधायक शेख ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार में शामिल सभी विधायकों में नाराजगी थी क्योंकि जो मंत्री नहीं थे उन सभी लोगों को दरकिनार कर दिया गया था। हर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक दखलंदाजी हो रही थी। मेरे विधानसभा क्षेत्र में भी उसकी मांग पर फंड जारी किए जा रहे थे जो चुनाव हार गए हैं। निचले स्तर पर लगभग सभी लोग सरकार को लेकर शिकायत कर रहे थे।
आदित्य भी किसी से नहीं मिलते
विधायक शेख ने कहा कि एक ओर विधायक उद्धव ठाकरे का नेतृत्व स्वीकार नहीं कर पा रहे थे दूसरी ओर आदित्य ठाकरे थे जो कभी किसी से नहीं मिलते हैं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष विधायक अबू आसिम आजमी कई बार ठाकरे सरकार को लेकर नाराजगी जता चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख कर शिकायत की थी। आजमी इस बात को लेकर कई बार नाराजगी जता चुके हैं कि मुख्यमंत्री मिलते नहीं।
Created On :   24 Jun 2022 5:50 PM IST