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पूरे देश में स्मार्ट कार्ड से हो रही कार्रवाई, तो मध्य प्रदेश में क्यों नहीं?-ऑटो की धमाचौकड़ी पर हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर की सड़कों पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले ऑटो के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए हाईकोर्ट ने सोमवार को गंभीर रूख अपनाया है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने कहा है कि पूरे देश में स्मार्ट कार्ड रीडर के जरिए कार्रवाई की जाती है, लेकिन पिछले कई माह से उसकी खरीदी ही नहीं हो पा रही है। युगलपीठ ने सरकार को कहा है कि यदि ई-टेण्डर से कार्ड रीडर नहीं मिल रहे तो सरकार उनकी सीधी खरीदी करे। इस मत के साथ युगलपीठ ने मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर तक के लिए मुल्तवी कर दी।
ऑटो लोगों की जान के दुश्मन बने हुए है
सतना बिल्डिंग निवासी अधिवक्ता सतीश वर्मा और नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर इन याचिकाओं में कहा गया है कि शहर की सड़कों पर बेखौफ होकर चलने वाले ऑटो लोगों की जान के दुश्मन बने हुए हैं। ऐसे ऑटो न सिर्फ शहर की यातायात व्यवस्था चौपट करते हैं, बल्कि इस हद तक सवारियों को बैठाते हैं कि हमेशा उनकी जान का खतरा बना रहता है। ऐसे ऑटो शहर की सड़कों को हाई स्पीड पर चलते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं, जिन्हें सड़क पर चलने वाले लोगों की जान की परवाह ही नहीं होती। आवेदकों का आरोप है कि शहर की सड़कों पर धमाचौकड़ी मचाने वाले ऑटो के संचालन को लेकर कई बार सवाल उठे, लेकिन जिला प्रशासन अब तक उनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठा पाने में नाकाम रहा है। इन ऑटो के खिलाफ कार्रवाई किए जाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को शिकायत देने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर ये याचिकाएं दायर की गईं थीं। मामलों पर पिछली सुनवाई पर युगलपीठ ने सरकार से पूछा था कि कानून और परमिट का उल्लंघन करने वाले ऑटो की जब्ती के क्या प्रावधान कानून में हैं?
पूरे देश में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू है
सोमवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा व मंच की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी हाजिर हुए। उनकी दलील थी कि मप्र व कुछ और राज्यों को छोड़कर पूरे देश में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू है, लेकिन मध्य प्रदेश में चालान के प्रावधानों को शिथिल किया गया, जो राज्य सरकार नहीं कर सकती। स्मार्ट कार्ड रीडर खरीदी के मुद्दे पर महाधिवक्ता शशांक शेखर ने युगलपीठ को बताया कि पहला टेण्डर केंसल होने के बाद दूसरा टेंडर जारी किया गया है। इस पर युगलपीठ ने कहा कि यदि 8 अक्टूबर तक टेण्डर के जरिए खरीदी नहीं होती तो सरकार खुद स्मार्ट कार्ड रीडर खरीदे और फिर उनसे पूरे प्रदेश में कार्रवाई करे।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।