कुछ लोग मुख्यमंत्री पद को अपना एकाधिकार समझते हैं- एकनाथ शिंदे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री तथा शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री ने उद्धव का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग मुख्यमंत्री पद को अपना एकाधिकार समझते हैं। शिंदे ने कहा कि मैं सोने का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुआ हूं। मेरे जैसे साधारण व्यक्ति के राज्य का मुख्यमंत्री बनने पर अभिमान होना चाहिए था। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। शिंदे का इशारा उद्धव की तरफ था। रविवार को शिवसेना के शिंदे गुट की ओर से सोलापुर के पंढरपुर में मुख्यमंत्री का सत्कार किया गया। शिंदे ने कहा कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव बाद प्रदेश की जनता की अपेक्षा थी कि शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे का शिवसैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से क्या हुआ? यह सभी लोग जानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोगों ने मुझ पर अनेक वार किए। मैंने कई वार झेले हैं। मेरे साथ पिछले ढाई सालों से किस तरीके का बर्ताव हुआ। उस बारे में सार्वजनिक रूप में नहीं बोल सकता हूं। मैंने विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान कुछ बातें बताई थीं। लेकिन काफी बातें अभी बाकी है। यदि मुझे मजबूर किया गया तो मैं उसका भी खुलासा करूंगा। शिंदे ने कहा कि मैंने शिवसेना और भाजपा के गठजोड़ के लिए काफी प्रयास किया। लेकिन हमें सफलता नहीं मिल सकी। जिसके बाद मुझे दिल पर पत्थर रखकर अलग फैसला लेना पड़ा। शिंदे ने कहा कि मुझे लोग पूछते हैं कि आप कौन है? मैं उन्हें बोलता हूं कि मैं बालासाहब ठाकरे का शिवसैनिक हूं। मैं बालासाहब ठाकरे के आशीर्वाद और ठाणे के शिवसेना नेता दिवंगत आनंद दिघे की कृपा से मुख्यमंत्री पद पर पहुंचा हूं। मेरा शिवसेना के शाखा प्रमुख से मुख्यमंत्री पद तक का सफर आसान नहीं है। मैंने एक भी शिवसैनिक पर अन्याय नहीं होने दूंगा।
तीन दिन और तीन रात सो नहीं पाया था
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं मेरा ऑपरेशन मिशन मोड में शुरू होने के बाद तीन दिन और तीन रात एक मिनट भी सो नहीं पाया था। आखिर शिवसेना और निर्दलीयों को मिलाकर 50 विधायकों की जिम्मेदारी मुझ पर थी तो मुझे नींद भी कैसे आती। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे लिए यह लड़ाई आसन नहीं थी। मगर शिवसेना के 40 और 10 निर्दलीयों ने मुझ पर विश्वास किया। यह मेरे लिए अभिमान की बात है। शिंदे ने कहा कि शिवसेना के विधायकों को वापस बुलाने के लिए काफी दबाव डाला गया था। लेकिन मैंने उन्हें भरोसा दिया था कि मैं किसी विधायक पर आंच नहीं आने दूंगा।
मुझ पर धोखा टल गया है
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंढपुर में रविवार सुबह पूजा के बाद सड़कों पर मुझे हजारों लोग आशीर्वाद देने के लिए खड़े थे। यह देखकर मुझे रहा नहीं गया। मैं गाड़ी से बाहर निकलकर लोगों से मिल रहा था। उस दौरान मुझे सुरक्षा कारणों से पुलिस ने गाड़ी से निकलने के लिए मना कर दिया था। मैंने पुलिस को कहा है कि मुझे जनता से कोई धोखा नहीं है। जिनसे धोखा था उनसे मैं दूर हो गया हूं। इसलिए मेरे साथ होने वाला धोखा टल गया है।
Created On :   10 July 2022 9:08 PM IST