खुदाई के दौरान मिली श्रीकृष्ण की मूर्ति, 12वीं सदी के चालुक्य काल की होने का दावा

डिजिटल डेस्क, ब्रह्मपुरी (चंद्रपुर). खेड़मक्ता गांव में शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खुदाई के दौरान 7 फीट की गहराई में एक काला पत्थर दिखाई दिया। बाहर निकालने के बाद पता चला कि यह काला पत्थर न होकर श्रीकृष्ण की मूर्ति है। इतिहास संशोधक अशोकसिंह ठाकुर के अनुसार गजानन मानकर के घर में मिली यह मूर्ति 12वीं सदी के चालुक्य काल की है।
चंद्रपुर जिले में अनेक ऐतिहासिक धरोधर बिखरी पड़ी हैं। पाषाणकाल के चिह्न चंद्रपुर में मिले हैं, मौर्य सातवाहन, वाकाटक, राष्ट्रकूट, चालुक्य, नाग, परमार, गोंड, भोंसले का जिले में राज था। ऐतिहासिक घटनाओं को प्रतिबिंबित करने वाली अनेक इमारत, धरोहर जिले में मौजूद हैं। चंद्रपुर जिले में पहली बार श्रीकृष्ण की मूर्ति मिली है। 12वीं सदी के मूर्ति चालुक्य काल की है। खेड़मक्ता के गजानन मानकर के घर चल रहे गड्ढा खुदाई के दौरान यह मूर्ति मिली है। प्रमोद मानकर, सचिन मेश्राम, गुरुदेव मानकर, मारोती मेश्राम, गिरीधर गुरपुडे, मुकुंदा गुरपुडे, योगेश तुमडे, संदीप गुरपुडे, केशव मानका आदि ने मूर्ति का दुग्धाभिषेक किया।
खुदाई के दौरान मिली मूर्ति शिल्प दक्षिण शैली की है। यह शिल्प काले पत्थर पर उकेरी गई है। श्रीकृष्ण सिर पर मुकुट हाथ में बांसुरी है। दोनों बाजू में दक्षिण शैली के मंदिर उकेरे हैं। यह मूर्ति मिलने से चालुक्य काल में परिसर में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर होने की संभावना है। परिसर में खोज करने पर ऐतिहासिक वस्तुएं मिल सकती हंै। एक महीने पूर्व ब्रह्मपुरी तहसील कार्यालय इमारत परिसर मेंे निर्माण के दौरान शिलास्तंभ मिला था। मंदिर निर्माण के लिए कलाकृति उकेरी पत्थर मिला था। अब तहसील के खेड़मक्ता में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति मिली है। इससे ब्रह्मपुरी के प्राचीन इतिहास की चर्चा अब शुरू हो गई है।
Created On :   12 Feb 2023 8:04 PM IST