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हाई कोर्ट ने ST बस हड़ताल को बताया अवैध, तुरंत काम पर लौटने के दिए निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई/नागपुर। बांबे हाईकोर्ट ने चार दिन से जारी एसटी कर्मचारियों के हड़ताल को अवैध ठहराया और कर्मचारियों को तुरंत काम पर लौटने का निर्देश दिया है। जबकि सरकार को मामले में अगली सुनवाई के दौरान रिपोर्ट पेश करने को कहा है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश हड़ताल के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में दावा किया गया था कि एसटी की परिवहन सेवा जरुरी सेवा में आती है इसलिए वे हड़ताल पर नहीं जा सकते है। लिहाजा कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध ठहराया जाए।
जस्टिस संदीप शिंदे ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद एसटी कर्मचारियों की हड़ताल को नियमों के विपरीत बताया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी तुरंत काम पर लौटे। जबकि सरकार को सोमवार तक कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने के लिए पांच सदस्यीय उच्चाधिकार कमेटी बनाने का आदेश दिया है। इस कमेटी में वित्त विभाग के सचिव के अलावा एसटी कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। खंडपीठ ने कहा कि कमेटी कर्मचारियों के वेतन वृध्दि से जुड़ी अंतरिम मांग पर 15 नवंबर तक निर्णय ले। जबकि इस विषय पर अंतिम फैसला 21 दिसंबर तक लिया जाए। इस तरह से हाईकोर्ट ने सरकार को कर्मचारियों की मांग पर एक निश्चित समय सीमा के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
सरकार के रुख पर नाराजगी
इससे पहले हाईकोर्ट ने हड़ताल को लेकर सरकार के रुख पर नाराजगी जाहिर की। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार इस मामले में मूकदर्शक की भूमिका में नहीं रह सकती है। सरकार ने हड़ताल का हल निकालने के लिए क्या ठोस कदम उठाए है? एसटी कर्मचारी वेतन वृद्दि की मांग को लेकर हड़ताल पर है। इससे पहले सरकारी वकील ने कहा कि सरकार इस मामले पर विचार करने के लिए उच्चाधिकार समिति बनाने के लिए तैयार हैं। जबकि याचिकाकर्ता की वकील पूजा थोरात ने जस्टिस को हड़ताल के चलते लोगों को हो रही दिक्कतों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल अवैध है। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत है। कर्मचारी इस तरह से हड़ताल पर नहीं जा सकते है।
ST बस हड़ताल से गरमाई सियासत
कड़ी आलोचना के बाद एसटी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म कराने के लिए पहल करने वाले शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की कोशिश काम नहीं आई। शुक्रवार को भी यात्री बेहाल रहे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ने हड़ताल खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। वेतन वृद्धि की मांग को लेकर एसटी के कर्मचारियों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही। आलम यह है कि एसटी बस के ड्राइवर और कंडक्टरों की दीपावली बस डिपो में बीत रही है। इस बीच विपक्ष ने आरोप लगाया है कि भाजपा और शिवसेना के बीच चल रहे शह-मात के खेल के कारण हड़ताल लंबी खींची जा रही है।
विपक्ष के निशाने पर शिवसेना
राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि शिवसेना की भूमिका दो मुंह वाले केंचुए की तरह है। पवार ने कहा कि शिवसेना सत्ता में रहकर जनता को दिखाने के लिए सरकार का विरोध करती है। पार्टी को यदि जनता के साथ रहना है तो सरकार का साथ छोड़ देना चाहिए। चर्चा है कि भाजपा के मंत्रियों के विभागों से जुड़े आंगनवाड़ी सेविका और किसान आंदोलन के समय भाजपा के खिलाफ शिवसेना आक्रामक थी। अब भाजपा सहयोगी शिवसेना से हिसाब चुकता करने के मूड में नजर आ रही है। हड़ताल को लेकर भाजपा के मंत्री चुप्पी साधना पसंद कर रहे हैं।
हड़ताल में फूट डालने की कोशिश
नाशिक के बस डिपो में शिवसेना से जुड़े संगठन ने हड़ताल में फूट डालने की कोशिश की। लेकिन एसटी प्रशासन ने बस चलाने की अनुमति नहीं दी। मुंबई सेंट्रल एसटी बस डिपो के पास कर्मचारियों ने भीख मांगों आंदोलन किया। नाशिक के येवला में कर्मचारियों ने मुंडन कर विरोध किया। बीड़ के माजलगांव में मंत्री रावते के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। इससे पहले गुरुवार देर रात को हड़ताल खत्म करने को लेकर उद्धव ने मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री दिवाकर रावते से फोन पर बातचीत की थी पर उनकी कोशिश नाकाम रही।
बस मालिक नहीं एजेंट वसूल रहे हैं ज्यादा किराया
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन महामंडल(एसटी) की बसों की हड़ताल के बाद निजी बस मालिक यात्रियों से मुंह मांगा किराया वसूल रहे हैं। लेकिन स्कूल और निजी बसों के संगठन से जुड़े अनिल गर्ग का दावा है बढ़ा हुआ किराया बस मालिक नहीं बल्कि एजेंट वसूल रहे हैं। गर्ग ने कहा कि अगर सरकार को इस तरह की शिकायत है तो वह निजी बसों का मार्ग और किराया तय कर दे। यात्रियों से जो पैसे लेंगे उसके टिकट देंगे। संगठन के पदाधिकारी इस बात पर नजर रखेंगे कि यात्रियों से तय किराए से ज्यादा पैसे न लिए जाएं।
बस स्टैंड पर ही मनाई काली दिवाली
चंद्रपुर के बसकर्मियों ने घर के बाहर एसटी स्टैंड पर काली दिवाली मनाई। उन्होंने एक-दूसरे को काली दिवाली की शुभकामनाएं दीं और रंगोली में पीड़ा उकेरी। शुक्रवार सुबह कई संगठनों ने हड़ताली कर्मचारियों की समस्याएं सुनीं।
Created On :   20 Oct 2017 10:13 PM IST