तड़ीपार करने से परिवार पर आ सकती है भुखमरी की नौबत
डिजिटल डेस्क, नागपुर. हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया आदेश में स्पष्ट किया है कि पुलिस द्वारा किसी व्यक्ति को तड़ीपार करने से न केवल वह व्यक्ति रोजगार से वंचित रह जाता है, बल्कि उसके परिवार पर भी भुखमरी की नौबत आ जाती है, इसलिए पुलिस जब भी किसी व्यक्ति को तड़ीपार करे, तो ध्यान रखे कि उसके खिलाफ ठोस सबूत हो और तड़ीपारी की सारी कानूनी प्रकिया का पालन हो। अमरावती के विभागीय आयुक्त और डीसीपी को यह नसीहत देते हुए हाई कोर्ट ने फेजरपुरा निवासी ऋषिकेश कत्तिवार की तड़ीपारी का आदेश रद्द किया है।
दस्तावेजों में तकनीकी त्रुटियां
आरोपी के खिलाफ दर्ज विविध आपराधिक मामलों को देखते हुए 28 दिसंबर 2022 को स्थानीय डीसीपी ने उसे दो वर्ष के लिए तड़ीपार कर दिया। अमरावती िवभागीय आयुक्त ने भी इसे कायम रखा, जिसके बाद आरोपी ने हाई कोर्ट की शरण ली। मामले में सरकारी पक्ष ने हाई कोर्ट में दलील दी कि आरोपी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की लंबी फेहरिस्त उसका बर्ताव दर्शाती है। उसके ज्यादा दिन क्षेत्र में रहने से शांति व्यवस्था भंग हो सकती थी और लोगों को खतरा हो सकता था, लेकिन हाईकोर्ट ने पाया कि आरोपी कई मामलों में निर्दोष बरी हुआ, तो कुछ मामलों में उसे कोर्ट से जमानत मिली है, वहीं पुलिस के कई दस्तावेजों में भी तकनीकी त्रुटियां थीं। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने तड़ीपारी का आदेश खारिज कर दिया।
Created On :   6 Feb 2023 3:12 PM GMT