1 करोड़ खर्च के बावजूद वही समस्या, लीकेज वाले टैंक में मूर्ति विसर्जन करने की नौबत

Statue immersion will be done in leaked water tank after spending crores
1 करोड़ खर्च के बावजूद वही समस्या, लीकेज वाले टैंक में मूर्ति विसर्जन करने की नौबत
1 करोड़ खर्च के बावजूद वही समस्या, लीकेज वाले टैंक में मूर्ति विसर्जन करने की नौबत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। साल भर पहले मनपा ने एक करोड़ रुपए खर्च कर विसर्जन टैंक को बनाया था। इसे जिस डिजाइन में बनाना था वैसा बनाया नहीं, इसलिए इस बार भी एक करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए विसर्जन टैंक में जमा बदबूदार पानी और गंदगी में श्रीगणेश का विसर्जन होगा। बता दें कि इसकी मूल बनावट में ही गड़बड़ है। इसके चलते टैंक में 50 से अधिक स्थानों पर लीकेज है।

नागरिकों और संगठनों ने पिछले साल भर में कई बार प्रशासन को इस बारे में चेताया, लेकिन संबंधित विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। टैंक की मरम्मत और देखभाल नहीं की गई। अब करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी गांधीसागर तालाब को विसर्जन की गंदगी से बचाना मुश्किल लग रहा है। 

उल्लेखनीय है कि गणेशोत्सव व अन्य त्योहारों पर तालाबों में भारी पैमाने पर मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। ये मूर्तियां पीओपी की होती हैं। पीओपी की मूर्तियां पानी में घुलती नहीं और यह तालाबों के लिए खतरनाक होती हैं। इसके मद्देनजर तालाबों को बचाने के लिए प्रशासन ने कुछ कदम उठाए थे। कुछ साल पहले मनपा की नदी एवं तालाब संरक्षण समिति ने स्थायी कृत्रिम टैंक बनाने की योजना बनाई। इसके तहत प्रायाेगिक तौर पर पांच साल पहले सोनेगांव में विसर्जन टैंक बनाया गया, लेकिन टैंक के बनने के बाद से ही सोनेगांव तालाब खतरे में आ गया।

बावजूद इसके पिछले साल अगस्त में गांधीसागर तालाब में 1 करोड़ की लागत से कृत्रिम टैंक बनाया गया। इस टैंक से तालाब को बचाने का दावा किया गया था, लेकिन पिछले साल भर से टैंक में लीकेज होने से गंदगी तालाब में पहुंच रही है। टैंक में 50 से अधिक लीकेज हैं। गणेशोत्सव में चंद दिनों का समय रह गया है, लेकिन मनपा अब भी टैंक की मरम्मत नहीं कर रही है। यही नहीं, पूरे परिसर में गंदगी के कारण बदबू फैल रही है। 

तालाब पर मंडरा रहा खतरा
मनपा प्रशासन ने तालाब की सुरक्षा के नाम पर करोड़ रुपए खर्च कर कृत्रिम टैंक बनाया। महज चंद दिनों के विसर्जन के लिए स्थायी टैंक को बनाने का फैसला ही गलत साबित हुआ है। अब कृत्रिम टैंक में साल भर रहने वाली गंदगी और लीकेज के चलते गांधीसागर तालाब को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। वहीं दूसरी ओर गंदगी और लीकेज भरे कृत्रिम टैंक में श्रद्धालु भी विसर्जन से परहेज करते हैं। प्रशासन को समय रहते गंभीरतापूर्वक कदम उठाने की जरूरत है। 
(कौस्तुभ चटर्जी, संस्थापक ग्रीन विजिल फाऊंडेशन, नागपुर) 

ठीक कराया जाएगा

कृत्रिम टैंक को निर्माण करने वाली एजेंसी ने हाइड्रो टेस्ट को पूरा कर लिया है। कई चरणों में टेस्ट के दौरान लीकेज मिलने पर रबर के पाइप लगाकर ग्राऊटिंग की गई है। अब कृत्रिम टैंक पूरी तरह से सुरक्षित और विसर्जन के लिए तैयार है। बरसात के दिनों में जलस्तर बढ़ जाने से कुछ जगहों से रिसाव हो सकता है। संबंधित एजेंसी काे निर्देश देकर ठीक कराया जाएंगा। 
(मोहम्मद इजराइल, अभियंता नदी एवं तालाब संरक्षण विभाग, मनपा नागपुर)
 

Created On :   27 Aug 2018 10:44 AM GMT

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