गाजियाबाद में बनेगी प्रतिमा - फिलहाल 60 फीसदी पूरा हुआ आंबेडकर स्मारक का निर्माण कार्य

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार. दादर के इंदू मिल में बनने वाले भारतरत्न डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के भव्य स्मारक का निर्माण काम अप्रैल 2025 तक पूरा हो जाएगा। फिलहाल इंदू मिल में स्मारक परियोजना का लगभग 60 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। जबकि स्मारक में लगाने जाने वाली आंबेडकर की प्रतिमा का निर्माण उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में शुरू करने के लिए जल्द ही मंजूरी प्रदान की जाएगी। प्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग व विशेष सहायता विभाग के सचिव सुमंत भांगे ने "दैनिक भास्कर' से बातचीत में यह जानकारी दी। भांगे ने कहा कि गाजियाबाद में सुप्रसिद्ध शिल्पकार राम सुतार ने 25 फुट उंचीबाबा साहेब की प्रतिमा तैयार करने के लिए फिलहालप्रतिकृति (मॉडल) तैयार किया है। इस प्रतिकृति को राज्य के सामाजिक न्याय विभाग की तरफ से गठित समिति ने मंजूरी दे दी है। अब अप्रैल महीने के आखिर तक प्रतिमा का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए)आंबेडकर की प्रतिमा बनाने के लिए गाजियाबाद की राम सुतार आर्ट कंपनीके अनिल सुतार को वर्क ऑडर देगी। हालांकि इस प्रतिमा की वास्तविक उंचाई 350 फुट होगी। अगले दो सालों में प्रतिमा बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। स्मारक में चबूतरे को मिलाकर 450 फुट उंची प्रतिमा होगी। इसमें चबूतरे की उंचाई 350 फुट होगी।
प्रतिमा की प्रतिकृति को मिल चुकी है मंजूरी
भांगे ने बताया कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर सामाजिक न्याय विभाग ने आंबेडकर प्रतिमा के प्रारूप को सहमति देने के लिए समिति बनाई गई है। इस समिति में आंबेडकर के परिवार के सदस्य, जनप्रतिनिधि और समाज के प्रतिष्ठित लोगों का समावेश है। इस समिति के सदस्य डा आंबेडकर परिवार के आनंदराज आंबेडकर, राकांपा विधायक संजय बनसोडे, शिवसेना (शिंदे गुट) विधायकयामिनी जाधव, पूर्व मंत्री सुलेखा कुंभारे, राजेंद्र गवई, जयदीप कवाडे सहित अन्य लोगों ने 6 अप्रैल को गाजियाबाद का दौरा किया था। इस समिति ने आंबेडकर प्रतिमा प्रतिकृति पर सहमति जताई है।
दस-दसफिट का स्ट्रक्चर लगाकर मुंबई में जोड़ा जाएगा- अनिल आहिरे
सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग के अवर सचिव अनिल आहिरे ने बताया कि गाजियाबाद में आंबेडकर की प्रतिमा का 10-10 फिट का स्ट्रक्चर (ढांचा) तैयार किया जाएगा। फिर उसको ट्रक में भरकर मुंबई ले आया जाएगा। इसके बाद स्मारक स्थल पर प्रतिमा के स्ट्रक्चर को जोड़ा जाएगा। आंबेडकर की प्रतिमा कांस्य धातु से तैयार की जाएगी। इस प्रतिमा की आयु एक हजार साल की होगी। आहिरे ने बताया कि आंबेडकर के प्रतिमा के भीतर दो सर्विस लिफ्ट होगी। चबूतरे के नीचे लिफ्ट में प्रवेश के लिए गेट होगा। जिसके जरिए प्रतिमा के शीर्ष तक पहुंचा जा सकेगा।
परियोजना की लागत बढ़ी
आंबेडकर स्मारक के लिए संशोधित मंजूरी देने के कारण परियोजना की लागत बढ़ गई है। स्मारक परियोजना की लागत 763 करोड़ 5 लाख रुपए से बढ़कर 1089 करोड़ 95 लाख रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। इससे पहले 19 मार्च 2017 को एमएमआरडीए ने स्मारक परियोजना के लिए लगभग 600 करोड़ रुपए खर्च का प्रस्ताव तैयार किया था। जिसके बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने 12 जनवरी 2018 को स्मारक परियोजना के लिए 733 करोड़ 5 लाख रुपए खर्च को मंजूरी दी थी। लेकिन बाद में महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्रिमंडल ने 15 जनवरी 2020 को स्मारक की ऊंचाई को बढ़ाने को मंजूरी दी थी। जिसके तहत स्मारक का चबूतरा 100 फुट और बाबासाहेब की प्रतिमा 350 फुट होगा। स्मारक की कुल ऊंचाई 450 फुट होगी।
स्मारक में होंगी ये सुविधाएं
स्मारक परिसर में 1 हजार आसन क्षमता का ऑडिटोरियम होगा। स्मारक में ग्रंथालय, ध्यान केंद्र, प्रतिक्षालय, उपहार गृह, प्रशासनिक कार्यालय, बगीचा, पार्किंग आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। स्मारक परिसर में बनाए जाने वाले बगीचे को शांति स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
कोरोना के कारण काम में देरी
परियोजना से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना का असर स्मारक परियोजना पर भी पड़ा है। कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण परियोजना के काम की गति को बरकरार रख पाना संभव नहीं हुआ। कोविड से पहले स्मारक के निर्माण के लिए प्रति दिन 200 मजदूर काम कर रहे थे। लेकिन लॉकडाउन शुरू होने के बाद मजदूरों की संख्या 40 से 50 तक सिमट कर रह गई थी। फिलहाल मजदूरों की संख्या बढ़ा दी गई है।
साल 2018 में सरकार ने दिया था ठेका
राज्य सरकार ने स्मारक परियोजना का काम पूरा करने के लिए 9 फरवरी 2018 को शापूरजी पालनजी कंपनी को ठेका आवंटित किया था। कंपनी को तीन महीने में स्मारक परियोजना के परिसर का काम पूरा करना था। लेकिन कोरोना सहित अन्य कारणों से समय पर काम पूरा नहीं हो सका है। सरकार ने स्मारक परियोजना के लिए एमएमआरडीए को विशेष नियोजन प्राधिकरण के रूप में नियुक्त किया है। एमएमआरडीए की निगरानी में ही परियोजना का काम हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2015 में आंबेडकर स्मारक परियोजना की आधारशिला रखी थी।
स्मारक परियोजना के लिए उपलब्ध निधि
साल वितरित निधि
2020-21 33 करोड़ रुपए
2021-22 195 करोड़ 71 लाख रुपए
2022-23 160 करोड़ रुपए
2023-24 200 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान
प्रतिमा की प्रतिकृति पर सहमति दी है- आनंदराज आंबेडकर
रिपब्लिकन सेनाके अध्यक्ष आनंदराज आंबेडकर ने कहा कि हमनेगाजियाबाद में आंबेडकर की प्रतिकृति को देखा है। हमें आंबेडकर की प्रतिकृति में कोई त्रुटी नजर नहीं आई। इसलिए हमने प्रतिमा बनाने के काम को शुरू करने के लिए सहमति दी है। अब सरकार से मंजूरी मिलने के बाद प्रतिमा का निर्माण काम शुरू होगा।
Created On :   13 April 2023 9:07 PM IST