डुमना क्षेत्र में ग्रीन स्पोर्टस सिटी के लिए जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पर यथास्थिति का आदेश

Status quo order on land transfer process for Green Sports City in Dumna area
डुमना क्षेत्र में ग्रीन स्पोर्टस सिटी के लिए जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पर यथास्थिति का आदेश
निर्माण पर रोक बरकरार, नीरी की अनुशंसा - डुमना को सेंचुरी या रिजर्व फॉरेस्ट घोषित किया जाए डुमना क्षेत्र में ग्रीन स्पोर्टस सिटी के लिए जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पर यथास्थिति का आदेश

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने डुमना क्षेत्र में ग्रीन स्पोट्र््स सिटी के लिए जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही  चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने खंदारी जलाशय के जलग्रहण क्षेत्र में निर्माण कार्य पर रोक को भी बरकरार रखा है। डुमना विस्तारीकरण कार्य को रोक से मुक्त रखा गया है। नीरी ने आज हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश कर अनुशंसा की है कि डुमना को सेंचुरी या रिजर्व फॉरेस्ट घोषित किया जाए। डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या ग्रीन स्पोट्र््स सिटी खंदारी जलाशय के जलग्रहण क्षेत्र में हैं या उसके बाहर है। मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को नियत की गई है। 
यह है मामला

नेपियर टाउन निवासी जगत जोत सिंह फ्लोरा, गंगा नगर निवासी निकिता खंपरिया, तिलहरी निवासी सेवानिवृत्त कर्नल एके रामनाथन, नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच और अन्य की ओर से जनहित याचिका दायर कर डुमना के वन क्षेत्र की जमीन पर हो रहे निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की माँग की गई है। याचिका में कहा गया है कि डुमना के वन क्षेत्र में निर्माण कार्य होने से पर्यावरण को नुकसान होगा। 
नीरी ने कहा- सभी प्रस्तावित परियोजनाओं को निरस्त किया जाए 
नेशनल एन्वायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) की ओर से 90 पृष्ठ की रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि विभिन्न निर्माण कार्यों की वजह से खंदारी जलाशय के जलग्रहण क्षेत्र को 40 प्रतिशत और वन क्षेत्र को 27 प्रतिशत नुकसान हो चुका है। नीरी ने अनुशंसा की है कि खंदारी के जलग्रहण क्षेत्र में सभी प्रस्तावित परियोजनाओं को निरस्त किया जाना चाहिए। इसके साथ ही नीरी ने डुमना क्षेत्र को सेंचुरी या संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने की सिफारिश की है। नीरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खंदारी जलाशय के जलग्रहण क्षेत्र में नया निर्माण घातक है। ट्रिपल आईटी और फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट को अब अतिरिक्त निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। नीरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डुमना में 9 तेंदुए, दो हजार से अधिक हिरण, 300 प्रकार की चिडिय़ाँ और 120 प्रकार की तितलियाँ पाई जाती है। 
 

Created On :   15 Sept 2021 1:51 PM IST

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