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फिर भी लुप्त की कगार, परसवाड़ा तालाब में मिला सारस का शव
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले में गोंदिया तहसील के परसवाड़ा तालाब परिसर में इनदिनों देशी-विदेशी पक्षियों के साथ सारस के जोड़े विचरण कर रहे हैं। इस बीच, 14 दिसंबर को तालाब परिसर में क्षत-विक्षत अवस्था में सारस पक्षी पाए जाने से वन विभाग तथा विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से सारस पक्षियों के संरक्षण पर किए जा रहे देखरेख के कार्य व खर्च को लेकर सवाल उठाए जा रहे है।प्राप्त जानकारी के अनुसार, 14 दिसंबर को तालाब परिसर में क्षत-विक्षत अवस्था में सारस पक्षी पाए जाने पर पक्षी मित्र राहुल भावे, रतिराम क्षीरसागर, जीगेश्वर लाडे, रवींद्र नागपुरे, मतारे, दोनोड़े, कन्हैया उदापुरे आदि ने इस घटना की जानकारी वन विभाग को दी। पश्चात वन परिक्षेत्र अधिकारी आझमी, क्षेत्र सहायक एन.पी. वैद्य, वनरक्षक सी.आर. गोदे तथा पशु वैद्यकीय अधिकारी ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर मृत सारस का पंचनामा कर पोस्टमार्टम किया तथा सारस की मृत्यु किस वजह से हुई है, इसकी जांच के लिए मृत सारस के कुछ नमूनांे को प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने सारस की मृत्यु लगभग 5-6 दिनों पूर्व होकर कीटकनाशक युक्त चारा खाने से होने की आशंका व्यक्त की है। इस संदर्भ में जानकारी दी गई कि परसवाड़ा जलाशय तट पर इन दिनों देशी-विदेशी पक्षियों के साथ सारस के जोड़े विचरण कर रहे है। गोंदिया जिले में सारस पाए जाने से वन विभाग तथा संस्थाओं के माध्यम से सारस पक्षियों के संरक्षण पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे है तथा उनकी सुरक्षा के लिए विभिन्न समितियां गठित की गई है। बावजूद सारस असुरक्षित दिखाई दे रहे हंै। ऐसे में पक्षी मित्रों द्वारा नाराजगी जतायी जा रही है।
Created On :   17 Dec 2021 7:01 PM IST