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PHC के 2 स्वास्थ्य सेवक निलंबित, अचानक निरीक्षण में खुली पोल
डिजिटल डेस्क, गोंदिया । जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्र ठाकरे ने गोठणगांव पीएचसी को आकस्मिक भेंट देकर स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों की लापरवाही की पोल खोल दी है। भेट के दौरान स्वास्थ्य सेवकों ने सीईओ से असोभनीय व्यवहार कर सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दिया। जिससे सीईओ ठाकरे ने तत्काल 2 स्वास्थ्य सेवकों को निलंबित करने का आदेश दे दिया है। यह कार्रवाई शनिवार 2 दिसंबर को की गई है। जिन पर कार्रवाई की गई है उनके नाम स्वास्थ्य सेवक एस.बी. जमदाड़ व आर.एस. राऊत है। इस कार्रवाई से लापरवाह कर्मचारियों में दहशत निर्माण हो गई है।
मनमानी उजागर होतेे ही दिए निलंबन के आदेश
जानकारी के अनुसार अर्जुनी मोरगांव तहसील अंतर्गत गोठणगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आता है। यह केंद्र अतिसंवेदनशील नक्षलग्रस्त क्षेत्र में आने से हमेशा इस केंद्र में डाक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मचारी तैनात होना आवश्यक है। लेकिन कई बार गोठणगांव पीएचसी में कार्यरत कर्मचारियों में से अनेक कर्मचारी अपने मनमर्जी से कार्य करते हैं। जिसका खामियाजा सामान्य एवं गरीब गर्भवती माताएं एवं प्रसूताओं को भुगतना पड़ता है। गोंदिया जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवींद्र ठाकरे ने 2 दिसंबर को आकस्मिक गोठणगांव पीएचसी को भेंट दी। इस दौरान कार्यरत डाक्टर उपस्थित नही थे। वही स्वास्थ्य सेवक भी समय पर नही पहुंचे थे। इस केंद्र में 2 गर्भवती माताएं भर्ती होने के बावजूद भी डाक्टर व स्वास्थ्य सेवकों का उपस्थित न रहना भर्ती मरीजों के लिए खतरा साबित हो सकता था। इसी दौरान स्वास्थ्य सेवक एस.बी. जमदाड़ व आर.एस. राऊत पीएचसी में पहुंचे। समय पर न आने का कारण पुछने पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविंद्र ठाकरे को उन्होने असमाधान कारक जवाब देकर अपनी लापरवाही का परिचय दिया। जिसे गंभीरता से लेते हुए मुख्याधिकारी ने तत्काल दोनों स्वास्थ्य सेवकों को निलंबित करने का आदेश सुनाया। इस कार्रवाई से लापरवाह कर्मचारियों में दहशत निर्माण हो चुकी है। यदि इसी तरह जिले के प्रत्येक विभाग के अधिकारी संबंधित कार्यालयों में आकस्मिक भेंट दें तो सैकड़ों कर्मचारियों की लापरवाही उजागर हो सकती है।
Created On :   2 Dec 2017 6:35 PM IST