बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ गोदरेज की याचिका पर विचार करने सेइनकार

Supreme Court refuses to entertain Godrejs plea against land acquisition for bullet train
बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ गोदरेज की याचिका पर विचार करने सेइनकार
सुप्रीम कोर्ट बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ गोदरेज की याचिका पर विचार करने सेइनकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए विक्रोली में गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड की भूमि के अधिग्रहण को रद्द करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश ते खिलाफ कंपनी द्वारा दायर अपील पर विचार करने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षतावाली तीन जजों की पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को भूखंड के मुआवजे की राशि में वृद्धि का दावा करने की स्वतंत्रता थी, जब सरकार पहले ही भूखंड का कब्जा ले चुकी है और निर्माण कार्य शुरु हो चुका है, ऐसे में भूखंड के अधिग्रहण के खिलाफ उसकी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। दरअसल, गोदरेज को सरकार द्वारा कंपनी की 9.69 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के लिए 264 करोड़ रुपये मुआवजा दिया था। कंपनी ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 के तहत उचित मुआवजे की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती। कंपनी ने दावा किया था कि 264 करोड़ रुपये यह 572 करोड़ रुपये की शुरुआती पेशकश का एक अंश थी। कंपनी ने अधिनियम में उचित मुआवजे और पारद र्शिता के अधिकार की धारा 25 के पहले प्रावधान की संवैधानिकता को भी चुनौती दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने परियोजना के ऐसे चरण में संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत भूमि के एक छोटे से हिस्से के अधिग्रहण में हस्तक्षेप से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि भूमि का 97 प्रतिशत हिस्सा पहले ही अधिग्रहित किया जा चुका है। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
 

Created On :   24 Feb 2023 7:38 PM IST

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