चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे गुट को राहत नहीं मिली। कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने दोनों खेमों को नोटिस भी जारी किया है। इसका जवाब देने के लिए कोर्ट ने दोनों खेमों शिंदे और ठाकरे गुट को दो सप्ताह का समय दिया है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने हालांकि मामले के लंबित रहने तक चुनाव आयोग के अंतरिम आदेश के अनुसार शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और चुनाव चिन्ह जलती मशाल को बनाए रखने की अनुमति दी है। बता दें कि चुनाव आयोग ने 17 फरवरी के आदेश में उद्धव गुट को महाराष्ट्र में विधानसभा की दो सीटों (कस्बा पेठ और चिंचवड़) के उपचुनाव होने तक पार्टी का यह नाम और चिन्ह के इस्तेमाल की इजाजत दी है।
मामले की सुनवाई के दौरान उद्धव गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलीलें दी। उन्होंने चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगाने की पूरजोर मांग की। सीजेआई ने पूछा कि यदि आदेश पर रोक नहीं लगाई तो क्या होगा? इस पर ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील डॉ सिंघवी ने कहा कि यदि शिंदे गुट व्हीप जारी करता है और हमारे विधायक इसका पालन नहीं करते है तो उन्हें अयोग्यता की कार्यवाही का सामना करना पडेगा, क्योंकि ईसीआई ने उन्हें मान्यता दी है। सीजेआई ने शिंदे गुट के वकील एनके कौल से पूछा कि अगर हम इस मामले को दो सप्ताह बाद लेते हैं, तो क्या आप व्हिप जारी करने या उन्हें अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया में हैं? वकील ने जवाब दिया नहीं।
सीजेआई ने सिब्बल से कहा, वे कह रहे हैं कि वे इस तरह कुछ भी नहीं करेंगे। सिब्बल ने कार्यालयों, बैंक खातों और संपत्तियों से संबंधित अंतरिम सुरक्षा की मांग की। तब सीजेआई ने पूछा कि क्या आदेश में बैंक खाते, संपत्ति आदि से संबंधित किसी भी मुद्दे का जिक्र है? सिब्बल ने जवाब में नहीं कहा। लिहाजा पीठ ने इस संबंध में कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह केवल उन मुद्दों पर विचार कर सकती है जो ईसीआई के आदेश में बताए गए हैं।
शिंदे गुट की ओर से इस मुद्दे पर आपत्ति जताई गई कि दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाए बिना चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सीधे सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया। ठाकरे गुट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई योग्य है क्योंकि संविधान पीठ अन्य मुद्दों पर सुनवाई कर रही है।
Created On :   22 Feb 2023 9:06 PM IST