सूर्यवंशी चौधरी ही हैं राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष

डिजिटल डेस्क, वर्धा। महात्मा गांधी जी द्वारा स्थापित की गई राष्ट्रभाषा प्रचार समिति का विवाद धर्मदाय आयुक्त वर्धा के पास पहुंचा तो धर्मदाय आयुक्त ने अनधिकृत कब्जा करनेवाले तथाकथित लोगों को झटका देकर उनके खिलाफ निर्णय लिया। इसलिए यह साबित हुआ कि सूर्यवंशी चौधरी ही समिति के अध्यक्ष हैं। यह दावा सोमवार को राष्ट्रभाषा प्रचार समिति परिसर (आनन्द कुटी) में आयोजित पत्र-परिषद में सूर्यवंशी चौधरी ने किया।राष्ट्रभाषा प्रचार समिति का चुनाव लेने के लिए वर्धा के धर्मदाय आयुक्त ने चुनाव अधिकारी की नियुक्ति की थी। इस कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अनंतराव त्रिपाठी एवं उनके सहकारी डॉ. हेमचंद वैद्य ने भागदौड़ कर फर्जी सदस्यों की लिस्ट चुनाव अधिकारी को देकर चुनाव करा लिया। इस पर समिति के अध्यक्ष सूर्यवंशी चौधरी ने इसे समिति के नियमावली के खिलाफ बताते हुए आपत्ति जताई थी।
बेकायदा चुनाव लेकर स्व. अनंतराम त्रिपाठी डॉ. हेमचंद वैद्य ने संस्था में जबरन संस्था में प्रवेश किया एवं सूर्यवंशी को बेदखल कराकर नया चेंज रिपोर्ट धर्मदाय आयुक्त के पास पेश किया। इस दौरान अनंतराम त्रिपाठी का निधन हो गया और समिति की पूरी व्यवस्था हेमचंद्र वैद्य ने हाथ में लिया एवं अध्यक्ष सूर्यवंशी चौधरी को बदनाम करने का झूठा समाचार समाचार पत्रों में छपवाते रहे हैं। लेकिन धर्मदाय आयुक्त वर्धा ने 10 फरवरी 2013 को हेमचंद्र वैद्य द्वारा दी गई चेंज रिपोर्ट को खारिज कर दिया। धर्मदाय आयुक्त कार्यालय में शेडयुल 1 पर आज भी अध्यक्ष सूर्यवंशी चौधरी का नाम है। हेमचंद्र वैद्य द्वारा दी गई चेंज रिपोर्ट पर सूर्यवंशी चौधरी, डॉ. सुशील चौधरी, जईता सेन बराट ने आपत्ति जताई थी। उनकी ओर से अॅड. अभिनव त्रिवेदी ने पैरवी की। पत्र-परिषद में जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी और नीरज बुटे उपस्थित थे। इस दौरान समिति के सहायक मंत्री महेश अग्रवाल ने कहा कि धर्मदाय आयुक्त का फैसला तकनीकी पहलुओं पर आया है।
Created On :   21 Feb 2023 7:10 PM IST