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ताड़ोबा में फिर लौटी रौनक, टूरिस्टों के लिए खुला गेट, नागझिरा अभयारण्य भी शुरू

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। बरसाती अवकाश खत्म हो रहे हैं। बरसात के दिनों में पर्यटन दृष्टि से बंद ताड़ोबा के गेट मंगलवार 1 अक्टूबर से पर्यटको के लिए खुल रहे है। मंगलवार से फिर ताड़ोबा में सुबह से ही टूरिस्टों की रौनक देखी जा रही है। ताड़ोबा के साथ ही पूरे राज्य के पर्यटन प्रकल्प मंगलवार से शुरू हो रहे है। बता दें कि,ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प के कोर जोन में पर्यटकों के लिए मानसून सफारी 1 जुलाई से बंद की गयी थी। जंगलों की कच्ची सड़कों के कारण ताड़ोबा बाघ प्रकल्प बरसात में बंद रखा जाता है। मिट्टी की कच्ची सड़कों के कारण संरक्षित जंगलों में भ्रमण करना मुश्किल हो जाता है। ताड़ोबा पहले बरसाती दिनों में भी आंशिक रुप से शुरु रहता था। परंतु बीते 2 वर्षों से ताडोबा कोअर जोन बरसात में पूरी तरह बंद रखा जा रहा है। इस बार ताड़ोबा के बफर के 7 प्रवेशद्वारों से आंशिक पर्यटन शुरू था। उसकी ऑनलाइन बुकिंग शुरु थी। यहां ऑनलाइन में भी काफी भीड़ रहती है। प्रवेश मिलने में कठिनाइयां आती है। इस बार मानसून पर्यटन में आगरझरी व देवाडा प्रवेशद्वारों से पर्यटकों का भारी प्रतिसाद मिलने का दावा ताड़ोबा प्रबंधन ने किया है।
नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प भी हुआ शुरू, सुबह से दिखी चहल-पहल
भंडारा जिले का नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प भी टूरिस्टों के लिए खोला जा रहा है। यहां वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष पर्यटकों की भीड़ अधिक रही। मानसून के बाद पुन: प्रकल्प 1 अक्टूबर 2019 से शुरू हो रहा है। इससे पर्यटक अब पुन: प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठा सकेंगे। साकोली के समीप नवेगांव नागझिरा व्याघ्र आरक्षित जंगल क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि दिखाई देगी। पर्यटक विविध प्रकार के वन्यजीवों समेत पक्षियों का प्रत्यक्ष दर्शन कर सकेंगे। इस जंगल में बाघ, तेंदुआ, भालू, जंगली सुअर, नीलगाय, हिरण, जंगली श्वान, मोर, खरगोश व घोरपड़ जैसे वन्यजीवों का अधिवास है। नवेगांव नागझीरा व्याघ्र आरक्षित क्षेत्र में वर्ष 2018 मेंं 14 हजार 789 भारतीय पर्यटक व विदेश के 58 पर्यटकों ने दस्तक दी थी। इसमें 2 हजार 750 जीप व 16 बसें नागझिरा व्याघ्र में पहुंची थीं।
देश समेत विदेश से भी बड़े पैमाने पर पर्यटक इस वर्ष नागझिरा व्याघ्र में पहुंचने की संभावना वनविभाग ने जताई है। इन दिनों नवरात्र उत्सव चल रहा है। इस कारण भंडारा-गोंदिया जिले में नागरिकों की चहल पहल बड़े पैमाने पर दिखाई दे रही है। ऐसे में नागरिक प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव लेने के लिए नागझिरा व्याघ्र की ओर रूख करते हैं। नवेगांव-नागझिरा व्याघ्र आरक्षित क्षेत्र पिटेझरी का प्रवेश द्वार आज से शुरू हुआ है।
पर्यटक पुन: उठा सकेंगे प्रकृति का आनंद
व्याघ्र प्रकल्प के पुन: शुरू होने से पर्यटक विविध प्रकार के प्राकृतिक नजारों समेत वन्यजीवों को करीब से देखने का लुत्फ उठा सकेंगे। विविध प्रकार के पक्षियों के दर्शन होंगे। साथ ही मार्गदर्शक द्वारा जंगल क्षेत्र में विविध प्रकार की प्रजातियां, जड़ी बूटियों की दवाइयों में उपयोग की जाने वाली वनस्पतियों के संदर्भ में जानकारी हासिल कर सकेंगे। - एस. जी. जाधव, वनपरिक्षेत्र अधिकारी पिटेझरी
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।