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तारा विन श्याम माने एकलडु लागे...भक्ति और शक्ति के महारास की भव्यतम अभिव्यक्ति
डिजिटल डेस्क सतना। झिलमिल रोशनी, चेहरों में उत्साह के रंग और दिलों में मां की भक्ति लिए दैनिक भास्कर गरबा महोत्सव का भव्य शुभारम्भ कुछ इसी अंदाज में हुआ। जिसमें प्रतिभागियों के साथ उपस्थित हजारों की संख्या में दर्शक इस भक्ति व शक्ति के महाजश्न के साक्षी बने एवं मां की भव्यतम आरती उतारी। देखा जाए तो सतना शहर के लिए दैनिक भास्कर का गरबा महोत्सव सालाना जलसा बन गया है। जहां पर लोग अपने परिजनों के साथ मां आद्या शक्ति का अनुष्ठान करते हैं। भक्ति गीतों के साथ गरबा खेलते हुए मां भी भव्य आरती उतारते हैं। इस बार भी महोत्सव में उल्लास और भक्ति लोगों के बीच देखने को मिली। गरबा का तीसरा दिन यानि शनिवार को चौदहवीं के चांद की तरह सिटी पार्क में लोगों ने इस उत्सव की शीतल अनुभूति को प्राप्त किया।
झिल मिल रोशनी में उतारी मां की आरती
शाम 7:30 बजते-बजते पूरा परिसर प्रतिभागियों की उपस्थितियों से गुलजार हो गया। मां दुर्गा की आरती के लिए बनाए विशेष सर्कल में प्रतिभागी हाथों में दीपक लेकर खड़े रहे और जैसे ही टे्रनर का इशारा मिला मंच से आवाज आई जय मात भवानी उधर परिसर जय अंबे जय अंबे के पवित्र शब्दों से गूंजने लगा। भक्ति के इस कारवां में एक वक्त ऐसा भी आया जब लोगों ने तीन ताली के गरबा की अभिव्यक्ति से परिसर को जीवंत कर दिया। तीन तालियों का अर्थ है ब्रह्मा, विष्णु और महेश। गरबा की इस प्रस्तुति में तीन बार तालियां बजाकर इन्हीं तीनों देवताओं से इच्छा शक्ति जगाने की आराधना की जाती है। पहली ताली ब्रह्मा यानी इच्छा शक्ति से संबंधित है। इस कारण ब्रह्मा की इच्छा तरंगें जाग्रत होकर, हमारे मन की इच्छा का समर्थन करती हैं। दूसरी ताली भगवान विष्णु से संबंधित है जो हमें इच्छा से कार्य करने के लिए शक्ति प्रदान करती है। तीसरी ताली भगवान शिव को समर्पित की जाती है जो हमारी ज्ञान की तरंगों को जागृत कर कार्य करवाकर उसके परिणाम से हमें फल प्राप्ति करवाती है।
Created On :   1 Oct 2022 11:03 PM IST