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टेंडर घोटाले की सुगबुगाहट, प्रस्ताव मंजूर हुआ तो मनपा को हर साल लगेगी 50 लाख की चपत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका में टेंडर घोटाले की सुगबुगाहट मिल रही है। मनपा द्वारा किराए पर लिए गए निजी वाहनों का अनुबंध समाप्त होने के बाद दोबारा निजी वाहन के लिए टेंडर मंगाए गए थे। इसमें मनपा को न्यूनतम दर प्राप्त हो चुके हैं। बजाय इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के, मनपा निजी वाहन मालिकों से संबंधित संस्था की दर सूची पर उनकी राय मांग रही है। इस संबंध में प्रस्ताव मंजूरी के लिए आयुक्त अभिजीत बांगर के सामने पहुंचने की खबर है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो इससे मनपा को प्रति वर्ष पचास लाख रुपए का नुकसान हो सकता है। मनपा में करीब 85 छोटे-बड़े निजी वाहन किराए पर लगाए गए हैं। इनका उपयोग मनपा अपने पदाधिकारी व अधिकारियों को कार्यालयीन कामकाज के लिए करती है।
संबंधित वाहनों का अनुबंध फरवरी 2018 में समाप्त होने के बाद इन्हें एक्सटेंशन दिया गया था। कुछ महीने पहले मनपा ने नए टेंडर मंगाए। मनपा के एक पत्र के अनुसार उन्हें, इसमें हैचबैक कार के लिए सबसे कम दर, सामान्य दर 25,500 रुपए, अतिरिक्त दर 110 रुपए प्रति घंटे व निर्धारित किलोमीटर से अधिक चलने पर 11 रुपए प्रति किलोमीटर व सिडॉन कार के लिए सामान्य दर 21000, अतिरिक्त समय के 100 रुपए व निर्धारित किमी से अधिक चलने पर 8 रुपए अतिरिक्त के हिसाब से दर प्राप्त हुआ। संबंधित दामों के अनुसार, वाहन किराए पर देने के लिए वर्तमान वाहनधारक तैयार हैं।
टेंडर रिकॉल का विकल्प
अगर टेंडर प्रक्रिया के दौरान प्राप्त न्यूनतम दरों के अनुसार, वाहन उपलब्ध नहीं होते हैं, तो इस स्थिति में टेंडर रिकॉल का विकल्प प्रशासन के पास रहता है। लेकिन बिना टेंडर अधिक दामों पर वाहन मालिकों से अनुबंध गलत हो सकता है।
निविदा की दर सार्वजनिक मनपा के संबंधित अधिकारियों ने गत 31 अगस्त को वाहन मालिकों को पत्र लिखा और संबंधित गोपनीय दरों को दर्शाकर कार्य करने के बाबत राय मांगी। साथ ही निर्धारित समय पर प्रतिसाद नहीं मिलने पर उपरोक्त दरों के अनुसार, दर मानकर आगामी कार्रवाई करने की बात कही। इस पत्र पर मनपा के सहायक आयुक्त महेश धामेचा के हस्ताक्षर हैं।
घोटालेबाजों को प्रोत्साहन मिलेगा
सुभाष घाटे, अध्यक्ष, आरेंज सिटी टैक्सी ओनर्स एसोसिएशन के मुताबिक अगर मनपा के टेंडर से संबंधित पत्र को सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिल रहा है, तो मनपा को पुरानी निविदा रद्द करनी चाहिए, लेकिन इस प्रकार खुलेआम दरों को सार्वजनिक करना ठीक नही है। इससे घोटालेबाजों को प्रोत्साहन मिलेगा। मेरा स्पष्ट आरोप है कि यह सब पूर्व महापौर प्रवीण दटके के दबाव के कारण हो रहा है। वह मनपा का फायदा देखने के बजाय अपने कार्यकर्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत कर रहे हैं।
वर्तमान में अनेक वाहनमालिकों को प्रति माह 24 हजार और अतिरिक्त वाहन चलने पर प्रति किमी 10 रुपए मिल रहे हैं। यह अपना दर कम करते हुए मनपा को टेंडर के माध्यम से प्राप्त 21 हजार व 21, 500 रुपए तथा 110 व 11 रुपए से वाहन किराए पर देने के लिए तैयार हैं। इस पर आपत्ति स्वाभाविक है पर पीछे के कारणों की तलाश भी जरूरी है।
दर हो सकते इस प्रकार
सूत्रों के अनुसार, नए दरों के अनुसार, वैन के लिए 24 हजार व इंडिका तथा इंडिगो के लिए 30 हजार रुपए का प्रस्ताव मंजूर कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है। आरोप है कि इसके लिए आयुक्त पर दबाव बनाया जा रहा है।
धामेचा से बात करें
अजीज शेख, अतिरिक्त उपायुक्त मनपा का कहना है कि नए दामों को लेकर मेरे पास कोई जानकारी नही है। इस संबंध में प्रस्ताव में मेरे ही टेबल से गुजरते हैं। लेकिन उनकी संख्या अधिक होती है। सब कुछ याद रखना संभव नहीं है। यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में क्यों पड़ी है, इसके लिए आप मेहश धामेचा से बात कर लीजिए।
अभी मीटिंग में हूं, बात संभव नहीं
महेश धामेचा, सहा. आयुक्त, मनपा के मुताबिक टेंडर प्रक्रिया ठंडे बस्ते में क्यों है और नए दामों का प्रस्ताव कहां तक पहुंचा है, इसके बारे में अभी बातचीत करना संभव नहीं है। मीटिंग चल रही है। कुछ देर के बाद करता हूं।
संभव नहीं, दाम बढ़ाना जरूरी
उमेश मेश्राम, ठेका टैक्सी चालक,मनपा का कहना है कि बढ़ती महंगाई में 21000 रुपए पर गाड़ी चलाना संभव नहीं है। डीजल से लेकर बीमा तक दाम बढ़ गए हैं। इसलिए हम मनपा के पास गाड़ी को 28 हजार व 30 हजार रुपए देने की मांग कर रहे हैं। किसी ने बदमाशी करने के लिए 21 हजार रुपए का दाम दिया है। यह पुराना अनुबंध निरस्त करने की बदमाशी है। करीब 70 प्रतिशत चालक दरों में वृद्धि की मांग कर रहे हैं। प्रत्येक कार पर एक परिवार निर्भर है।
वाहन नियमों के अनुसार होने चाहिए
प्रवीण दटके, पूर्व महापौर ने बताया कि मनपा में मेरी टैक्सी नहीं चलती। अगर चलती होगी तो साबित करें। गत तीन वर्षो में महंगाई में इजाफा हुआ है। इसलिए अगर कोई दाम बढ़ाकर मांग रहा है, तो उसमें कोई बुराई नहीं है। कोई 21 हजार में टैक्सी चलाने के लिए इच्छुक होगा, तो उसे अवसर मिलना चाहिए। बशर्ते गाड़ी नियमों के अनुसार होनी चाहिए। नए प्रस्ताव पर टिप्पणी करते हुए आयुक्त को उसे स्थायी समिति के पास देने की खबर है। अगले कुछ दिनो में इस पर निर्णय अपेक्षित है।
Created On :   20 Dec 2018 7:04 PM IST