जर्जर कोल्हापुरी बांध पर कभी भी हो सकता है हादसा, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

The accident can occur at any time due to shabby Kolhapuri dam
जर्जर कोल्हापुरी बांध पर कभी भी हो सकता है हादसा, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
जर्जर कोल्हापुरी बांध पर कभी भी हो सकता है हादसा, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

डिजिटल डेस्क, कामठा (गोंदिया)। जिले के अंतिम छोर पर बसे घाटटेमनी ग्राम से मध्यप्रदेश को जोड़ने के लिए बनाया गया कोल्हापुरी बांध इतनी जर्जर अवस्था में पहुंच गया है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस मार्ग से वाहनों का आवागमन बंद कर पुल की मरम्मत करने की मांग घाटटेमनीवासियों ने की है। घाटटेमनी  ग्राम गोंदिया तहसील में आता है। यह ग्राम महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश की सीमा पर बसा हुआ है। इस ग्राम से मध्यप्रदेश जाने के लिए कोल्हापुरी बांध का निर्माण किया गया था। इस पुलिया से भारी वाहन अधिक चलने से पुलिया की हालत जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है। यदि निरंतर वाहनों का आवागमन बना रहा तो, पुल कभी भी ढह सकता है।

इस संदर्भ में कई बार पुलिया की मरम्मत या नया पुलिया बनाने की मांग की गई थी। किंतु इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसलिए घाटटेमनीवासी एवं बजरंग दल के राजू पारधी, मुकेश कोरे, बबलु चुटे, रवि बावनकर, मनोज खोब्रागडे, रूपेश बेंदरे, धनराज फुंडे, देवेंद्र पाथोडे, परमेश्वर चुटे, कैलाश हेमने, महेंद्र पाथोडे एवं ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से शिकायत कर दी है। शिकायत में कहा गया है कि यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो शिकायत करने के तीन दिनों के बाद तीव्र आंदोलन कर चक्काजाम आंदोलन किया जाएगा। 

उधर भंडारा में अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही जलाशय से बोट गायब
इधर भंडारा जिले के ग्रीनवैली चांदपुर में अवैध तरीके से शुरू बोटिंग पर कार्रवाई करने के आदेश तहसीलदार गजेंद्र बालपांडे ने सिंचाई विभाग को दिए थे,, लेकिन अधिकारियों के पहुंचने से पूर्व ही जलाशय से बोट गायब कर दी गई। तुमसर के तहसीलदार गजेंद्र बालपांडे ने 1 फरवरी को कार्रवाई के आदेश निकालने के पश्चात 2 फरवरी को सिंचाई विभाग की टीम चांदपुर पहुंची। इस दौरान बोटिंग बंद थी। पर्यटकों को जलभ्रमण करने के लिए उपयोग में लायी जाने वाली बोट गायब कर दी गई थी। पूछताछ में अवैध बोटिंग व्यवसायी शांताराम सहारे ने भविष्य में कभी नियमों का उल्लंघन कर बोटींग न करने की बात कही। ऐसा करने पर फौजदारी कार्रवाई के लिए तैयार रहने की बात सहारे ने अधिकारियों से कही। 26 जनवरी को अवैध तरीके से बोटिंग के लिए उपयोग में लायी गई बोट 1 फरवरी की शाम तक चांदपुर जलाशय में थी। तहसीलदार गजेंद्र बालपांडे ने 1 फरवरी को बोट जब्ती के आदेश के आदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिए थे। कार्रवाई को लेकर केवल सिंचाई विभाग को जानकारी थी। जबकि अधिकारी पहुंचने से पूर्व 2 फरवरी की सुबह रहस्यमय तरीके से बोट गायब कर दी गई। 2 फरवरी को घटनास्थल पर जब पंचनामा किया गया तो सिंचाई विभाग के अधिकारी जी. आर. हटवार, उप विभागीय अभियंता एन. जे. मेरत, कनिष्ठ अभियंता टी. डी. डिंकवार, विजय डोंगरे, पुलिस कान्स्टेबल विनोद उपरकर, शांताराम सहारे, पूर्व सरपंच हेमराज लांजे, ए. पी. कुंभलकर उपस्थित थे।   

Created On :   4 Feb 2019 3:29 PM IST

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